मत्स्य पालन बढ़ाने का डंका, भवन किराए का लाखों बकाया
शासन द्वारा भले ही मत्स्य पालन को बढ़ावा देकर रोजगार देने का दावा किया जा रहा हो लेकिन जमीनी सच्चाई इससे कुछ इतर नजर आ रही है। प्रदेश में किराए के मकान में चल रहे मत्स्य विभाग के 12 जनपदों के कार्यालय पर लाखों रुपये बकाया चल रहा है। पिछले दो सालों से विभाग ने किराया के मद में फूटी कौड़ी भी विभाग को नहीं प्रदान किया। इसकी वजह से इन कार्यालयों पर किसी भी समय ताला जड़ दिया तो कोई ताज्जुब नहीं होगा।
जासं, आजमगढ़ : शासन द्वारा भले ही मत्स्य पालन को बढ़ावा देकर रोजगार देने का दावा किया जा रहा हो, लेकिन जमीनी सच्चाई इससे कुछ इतर नजर आ रही है। प्रदेश में किराए के मकान में चल रहे मत्स्य विभाग के 12 जनपदों के कार्यालय पर लाखों रुपये बकाया चल रहा है। पिछले दो सालों से विभाग ने किराया के मद में फूटी कौड़ी भी विभाग को नहीं दी। इसकी वजह से इन कार्यालयों पर किसी भी समय ताला जड़ दिया तो कोई ताज्जुब नहीं होगा।
आजमगढ़ के मड़या स्थित कार्यालय का तो तीन लाख रुपये मकान मालिक का तीन साल से बकाया है। दर्जनों बार शासन को पत्र लिखकर किराए की मांग की गई, लेकिन अभी तक धनराशि जारी नहीं गई। मकान मालिक विभाग को तालाबंदी की चेतावनी दी है। अगर एक माह के अंदर किराया नहीं मिला तो यहां पर ताला जड़ दिया जाएगा। ऐसे में विभाग सड़क पर आ जाएगा। जिन जनपदों में मत्स्य विभाग के कार्यालय का किराया बकाया है, उसमें आजमगढ़ के अलावा गोरखपुर, देवरिया, बस्ती, फैजाबाद, बाराबंकी, प्रतापगढ़, वाराणसी, गाजीपुर, उन्नाव, रायबरेली व सुल्तानपुर शामिल है। मत्स्य विभाग के कार्यालय के लिए शासन की तरफ से पिछले दो साल कोई धनराशि जारी नहीं की गई है। सभी जनपदों द्वारा विभाग को दर्जनों पर पत्र भेजकर किराए की मांग की गई, लेकिन शासन हीलाहवाली कर रहा है। ऐसे में किसी समय इन कार्यालयों में ताला बंद हो सकता है। ''दर्जनों बार शासन को पत्र भेजकर अवगत कराया जा चुका है। मकान मालिक द्वारा बार-बार मकान में ताला बंद करने की धमकी दी जा रही है। तीन लाख बकाया होने की वजह से किसी भी समय ताला लग सकता है। वैसे मकान मालिक को आश्वासन दिया जा रहा है।''
-सर्वेश कुमार, जेडी मत्स्य आजमगढ़ मंडल।