Move to Jagran APP

परिषदीय विद्यालयों में फिल्मी धुन पर नहीं होंगे डांस

आजमगढ़ महोत्सव में पारंपरिक गीतों में अपार उत्साह व लोगों के जुड़ाव के देखते हुए जिलाधिकारी नागेंद्र प्रसाद सिंह ने परिषदीय विद्यालयों में फिल्मी धुन पर होने वाले डांस पर ब्रेक लगा दिया है। उन्होंने बेसिक शिक्षा अधिकारी देवेंद्र कुमार पांडेय को परिषदीय विद्यालयों में रूटीन प्रोग्राम में भी राष्ट्र प्रेम पर्यावरण संरक्षण समाज को प्रेरित करने वाले गीतों पर डांस कराए जाने का निर्देश दिया है। ताकि हमारी नई पीढ़ी हमारी पुरानी विधा को समझ सके और आगे भी उसका पालन कर सके। इससे न सिर्फ हमारी पुरानी विधा जीवंत रहेगी बल्कि समाज को बेहतर संदेश भी मिलेगा। इसका पालन अभी से शुरू कर दिया जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Sat, 14 Dec 2019 06:06 PM (IST)Updated: Sun, 15 Dec 2019 06:05 AM (IST)
परिषदीय विद्यालयों में फिल्मी धुन पर नहीं होंगे डांस
परिषदीय विद्यालयों में फिल्मी धुन पर नहीं होंगे डांस

जयप्रकाश निषाद, आजमगढ़ :

loksabha election banner

आजमगढ़ महोत्सव में पारंपरिक गीतों में अपार उत्साह व लोगों के जुड़ाव को देखते हुए जिलाधिकारी नागेंद्र प्रसाद सिंह ने परिषदीय विद्यालयों में फिल्मी धुन पर होने वाले डांस पर 'ब्रेक' लगा दिया है। उन्होंने बेसिक शिक्षा अधिकारी देवेंद्र कुमार पांडेय को परिषदीय विद्यालयों में रूटीन प्रोग्राम में भी राष्ट्र प्रेम, पर्यावरण संरक्षण, समाज को प्रेरित करने वाले गीतों पर डांस कराए जाने का निर्देश दिया है। ताकि हमारी नई पीढ़ी हमारी पुरानी विधा को समझ सके और आगे भी उसका पालन कर सके। इससे न सिर्फ हमारी पुरानी विधा जीवंत रहेगी बल्कि समाज को बेहतर संदेश भी मिलेगा। इसका पालन अभी से शुरू कर दिया जाएगा।

जिलाधिकारी ने कहा कि अक्सर देखने को मिलता है कि परिषदीय विद्यालय में छात्र-छात्राएं फिल्मी धुनों पर डांस करते नजर आते हैं। तमाम लोगों को पता ही नहीं हैं कि हमारी पुरानी विधा व परंपरा क्या है। किस तरह के डांस समाज को प्रेरित करते हैं। इसकी वजह से हमारी पुरानी परंपराएं व कला लुप्त होती जा रही है। इसे संवारने व फिर से नया रूप देने के लिए परिषदीय विद्यालयों के हर कार्यक्रम में राष्ट्र गीत, पर्यावरण संरक्षण गीत, पालीथिन से संबंधित गीत, पौधारोपण गीत, धोबिया गीत, सात सरोकार से जुड़े गीत के म्यूजिक पर बच्चों को डांस सिखाया जाएगा। इसके बाद बच्चों को बताया भी जाएगा कि यह हमारी पुरानी विधा की गीत है। इस विधा का प्रयोग काफी दिन पहले होता था। अपना अनुभव बताते हुए डीएम ने कहा कि उमेश कन्नौजिया द्वारा बेहतर जांघिया नृत्य प्रस्तुत किया जा रहा है। वह पीएम हाउस तक जाकर अपने नृत्य की छटां बिखेर रहे हैं। यहां जब वह डांस कर रहे थे तो तमाम लोगों को पता ही नहीं था कि यह कौन का डांस है। उन्होंने काफी लोगों से सवाल भी किया लेकिन किसी ने नहीं बताया। ऐसे में तमाम ऐसी विधाएं हैं जो हमें अपनी ओर आकर्षित कर लेती हैं। जनपद में तमाम ऐसी विधा हैं जो अभी तक लोगों तक नहीं पहुंच पाई है। अब इसे हर आम तक पहुंचाना है। इसके लिए सबके सहयोग की जरूरत है।

--------------

वर्जन -

- आजमगढ़ की धरती साहित्यकारों, ऋषि दुर्वासा व दत्तात्रेय की स्थली है। यहां की सोंधी खुशबू की महक विदेशों तक जानी जाती है। ऐसे में हमारी पुरानी परंपराएं व लोक कलाएं जीवंत हो, यह प्रयास मील का पत्थर साबित होगा। यह प्रयोग बेहतर होगा ही, साथ ही साथ नई परंपरा का विकास होगा।

--नरेंद्र प्रसाद सिंह : जिलाधिकारी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.