किसानों ने सीखे फसल अवशेष प्रबंधन के तकनीकी गुर
जागरण संवाददाता, आजमगढ़: राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने फसलों के अवशेष जलाए जाने से उत्पन्न पय
जागरण संवाददाता, आजमगढ़: राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने फसलों के अवशेष जलाए जाने से उत्पन्न पर्यावरण संकट एवं मृदा में जीवांश कार्बन के गिरते स्तर को गंभीरता लिया है। फसलों के अवशेष जलाए जाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके प्रति किसानों को जागरूक करने के लिए विकास खंडवार गोष्ठी आयोजित कर फसल अवशेष के प्रबंधन की तकनीकी बताई जा रही है। शुक्रवार को कार्यशाला आयोजित कर विकास खंड महराजगंज में 212, मेंहनगर में 238 और मुम्मदपुर में 195 सहित कुल 645 किसानों को विभिन्न योजनाओं की जानकारी देकर लाभांवित किया गया।
महराजगंज में कार्यशाला का शुभारंभ संयुक्त कृषि निदेशक एसके ¨सह ने किया। बताया कि फसल अवशेष जलाए जाने से पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है ,लोग गंभीर बीमारियों के शिकार हो रहे हैं, सांस लेना दूभर हो रहा है। दूसरी तरफ मिट्टी में लाभदायक जीवाणु, कार्बनिक पदार्थ एवं केंचुआ की संख्या में तेजी से कमी आ रही है। इससे फसलों की उत्पादकता में ठहराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। कहा कि किसान नव विकसित फसल अवशेष प्रबंधन के लिए तैयार किए गए कृषि यंत्रों का प्रयोग करें। उन्हें कृषि विभाग द्वारा 40 से 50 फीसद तक अनुदान देय है। अध्यक्षता कर रहे ब्लाक प्रमुख रूदल प्रसाद सोनकर ने स्टॉलों का अवलोकन किया। कृषि विज्ञान केंद्र कोटवा के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. एलसी वर्मा,प्रधान संघ के ब्लाक अध्यक्ष इंद्रासन यादव, बलवंत ¨सह, गौतम चौबे, संजय पांडेय, डा. रामकेवल यादव ने भी जानकारी दी। मुहम्मदपुर ब्लाक में भाजपा नेता डा. कृष्ण मुरारी विश्वकर्मा की अध्यक्षता में कार्यशाला का आयोजन किया गया। भूमि संरक्षण अधिकारी संगम ¨सह मौर्य, पशु चिकित्सा अधिकारी डा. रमेश कुमार, कृषि वैज्ञानिक डा. एके यादव ने जानकारी दी। मेंहनगर में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भाजपा नेता महेंद्र कुमार मौर्य रहे। कृषि विशेषज्ञ लाल बहादुर ¨सह ने धान की फसल में कीट एवं बीमारियों के बचाव के बारे में जानकारी दी। कृषि ,पशुपालन, उद्यान एवं निजी क्षेत्रों के डीलरों द्वारा प्रदर्शनी लगाई गई थी। किसानों ने पंजीकरण कराया। 10 सितंबर को विकास खंड कोयलसा ,फूलपुर एवं जहानागंज में कार्यशाला आयोजित की जाएगी।