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किसान व कृषि विभाग के बीच की कड़ी 'सहयोगी किसान'

जागरण संवाददाता, आजमगढ़: कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी वैसे तो समय-समय पर अ

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Sep 2018 06:20 PM (IST)Updated: Sun, 16 Sep 2018 06:20 PM (IST)
किसान व कृषि विभाग के बीच की कड़ी 'सहयोगी किसान'
किसान व कृषि विभाग के बीच की कड़ी 'सहयोगी किसान'

जागरण संवाददाता, आजमगढ़: कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी वैसे तो समय-समय पर आयोजित कृषि मेला, कार्यशाला और विभिन्न माध्यमों से दी जाती रही है। बावजूद अधिसंख्य किसान इससे वंचित रहते हैं। कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी सभी को मिल सके, इस बाबत जिले की सभी ग्राम पंचायतों के दो राजस्व गांव में 'सहयोगी किसान' की तैनाती सुनिश्चित की जा रही है, जो प्रतिदिन किसानों से संपर्क कर उनकी समस्या का समाधान करेंगे। यानी ये 'सहयोगी किसान' कृषि विभाग और किसानों के बीच कड़ी के रूप में कार्य करेंगे।

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जनपद की 1871 ग्राम पंचायतों के 3931 राजस्व गांवों में दो राजस्व गांवों पर दो वर्ष पूर्व 'सहयोगी किसान' की नियुक्ति की गई थी। समय के साथ इनकी गतिविधि लगभग नहीं के बराबर हो गई। किसानों की सुविधा को देखते हुए एक बार पुन: कृषि विभाग ने सक्रियता दिखाई है। दो राजस्व गांवों पर तैनात एक 'सहयोगी किसान' की तैनाती सुनिश्चित की जा रही है जो कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं का फीड बैक विभाग को देंगे। इनके माध्यम से कृषि निवेश संबंधी पंजीकरण, वर्मी कम्पोस्ट यूनिट की स्थापना, कृषि मेला व कृषि प्रदर्शनी में किसानों की सहभागिता सुनिश्चित करना आदि इनकी जिम्मेदारी होगी। यदि कोई किसान 'सहयोगी किसान' के रूप में कार्य करने के इच्छुक हैं तो वे अपने क्षेत्र के प्राविधिक सहायक, सहायक विकास अधिकारी कृषि या फिर जिला मुख्यालय स्थित जिला कृषि अधिकारी कार्यालय में आवेदन पत्र जमा कर सकते हैं।

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कौन बन सकता है सहयोगी किसान

-32 से 45 वर्ष तक होनी चाहिए उम्र।

-एक साल का होगा कार्यकाल।

-500 रुपये प्रति माह मिलेगा मानदेय।

-आधार कार्ड व बैंक खाता नंबर देना होगा।

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वर्जन--

''वैसे तो गांवों में कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी किसानों तक पहुंचाने और गांव में ही उन्हें कृषि संबंधी विस्तृत जानकारी के लिए सहयोगी किसान की नियुक्त दो साल पूर्व ही की गई थी लेकिन अब नए सिरे से जागरूक व इच्छुक की किसान अपनी भागीदारी विभाग के मानक के अनुसार सुनिश्चित कर सकते हैं। पूर्व के जो सहयोगी किसान कार्य नहीं कर रहे हैं, वे अपने संबंधित जानकारी अपने प्राविधिक सहायक या सहायक विकास अधिकारी कृषि के माध्यम से दे सकते हैं।

--डा.आरके मौर्य, उप कृषि निदेशक, आजमगढ़।


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