फसल की सुरक्षा संग युवक संवार रहा सेहत
आपने होम क्वारंटाइन संस्थागत क्वारंटाइन तो सुना होगा लेकिन यहां किसान के एक बेटा ने खेत क्वारंटाइन कर लिये हैं। यानी घर की बजाय खेत में ही अपना आशियाना बना लिये है। बेसहारा पशुओं से फसल बचाने के लि
जासं, आजमगढ़ : आपने होम क्वारंटाइन, संस्थागत क्वारंटाइन तो सुना होगा लेकिन यहां किसान के एक बेटे ने खुद को खेत में क्वारंटाइन कर लिया है। यानी एक तीर से दो निशाना, खेत की रखवाली के साथ ही सेहत का पूरा-पूरा ख्याल। इस निर्णय की इलाके में लोग खूब सराहना कर रहे हैं।
तहबरपुर के खुटिया गांव निवासी संदीप यादव (26) पुत्र श्रीचंद यादव रोजगार के सिलसिले में मुंबई गए थे। कोरोना संक्रमण के चलते जनता कर्फ्यू के बाद लॉकडाउन लग गया। उनके समक्ष खाने-पीने का संकट आ गया। आखिरकार वे घर आने का फैसला कर लिये। बचपन में उन्हें बाइक चलाने का शौक था। संकट की इस घड़ी में बचपन के शौक ने ही राह दिखाई। फूलपुर क्षेत्र के भैंसाडीह गांव निवासी अपने मित्र विनोद यादव के साथ सात मई को मुंबई से चलकर बाइक से घर पहुंचे। पांच दिन का लंबा सफर तय कर 11 मई को दोनों मित्र अपने अपने गांव पहुंचे। संदीप ने सीएचसी व जिला अस्पताल पहुंच कर जांच करायी। डॉक्टर ने 14 दिन का होम क्वारंटाइन के लिए कहा तो खेत पर खुद को 21 दिन का क्वारंटाइन कर लिए। उनका कहना है कि किसान का बेटा हूं, पसीने से तैयार फसल की चिता रहती है। खेत पर क्वारंटाइन की अवधि पूरी होने के साथ ही 24 घंटे रखवाली होती रहेगी।