रसड़ा के अधिशासी अधिकारी से स्पष्टीकरण तलब
आजमगढ़ मंडलायुक्त कनक त्रिपाठी ने शनिवार को अपने कार्यालय सभागार में मंडल के अंतर्गत आने वाली सभी 33 नगरीय निकायों के प्रगति की समीक्षा की। नगर पालिका परिषद रसड़ा के अधिशासी अधिकारी के अनुपस्थिति रहने पर सख्त नाराजगी व्यक्त की। स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : मंडलायुक्त कनक त्रिपाठी ने शनिवार को अपने कार्यालय सभागार में मंडल के अंतर्गत आने वाली सभी 33 नगरीय निकायों के प्रगति की समीक्षा की। नगर पालिका परिषद रसड़ा के अधिशासी अधिकारी के अनुपस्थिति रहने पर सख्त नाराजगी व्यक्त की और स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
उन्होंने निर्देशित किया कि 14वें वित्त आयोग, राज्य वित्त आयोग एवं अवस्थापना विकास निधि की अवशेष धनराशि को अपनी-अपनी निकायों में विकास कार्य कराते हुए उसका उपयोग किया जाना सुनिश्चित करें। विकास कार्यों की कार्ययोजना तैयार कर बुधवार तक उपलब्ध कराएं। उन्होंने नगर पंचायत अतरौलिया, बिलरियागंज, जीयनपुर, घोसी, रसड़ा, बैरिया में प्लास्टिक जब्तीकरण और जुर्माने की स्थिति खराब मिलने असंतोष व्यक्त किया। संबंधित ईओ को इस ओर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया। अन्य निकायों में भी विगत महीनों के सापेक्ष उपलब्धि कम मिलने पर ईओ को निरंतर छापेमारी कर पालीथिन जब्त करने और जुर्माना वसूली में तेजी लाने का निर्देश दिया। स्वास्थ्य विभाग के निर्माणाधीन भवनों, कर एवं करेतर वसूली आदि की समीक्षा की। उधर, जनसुनवाई के दौरान तहसील बूढ़नपुर के कप्तानगंज थाना अंतर्गत मुखलिसपुर निवासी तीजू राम पुत्र भीखू के शिकायती पत्र को गंभीरता से लिया। भूमि कब्जा के प्रकरण में एसडीएम बूढ़नपुर से शाम तक आख्या मांगी। संयुक्त विकास आयुक्त पीएन वर्मा, अपर आयुक्त प्रशासन अनिल कुमार मिश्र, अपर निदेशक स्वास्थ्य डा. एनएल यादव थे।
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पीएम आवास व शौचालय निर्माण की प्रगति खराब
अपर आयुक्त प्रशासन अनिल कुमार मिश्र ने अधिकांश निकायों में कर एवं करेतर वसूली की स्थिति अत्यंत खराब मिलने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए अपेक्षित तेजी लाने निर्देश दिया। पीएम आवास योजना शहरी के अंतर्गत नगर पालिका परिषद मऊ एवं बलिया में लाभार्थियों को द्वितीय किस्त कम दिया गया, व्यक्तिगत शौचालयों के निर्माण में आजमगढ़ एवं मऊ में सत्यापित आवेदन पत्रों के सापेक्ष स्वीकृति कम मिली। इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए आगामी बैठक तक स्थिति में अपेक्षित सुधार अनिवार्य रूप से लाने को निर्देशित किया।