दुर्गा पूजा ने दिखाई मूर्तिकारों को लक्ष्मी की राह
जागरण संवाददाता आजमगढ़ कोरोना काल में शासन की गाइडलाइन से उन कलाकारों के समक्ष संक
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : कोरोना काल में शासन की गाइडलाइन से उन कलाकारों के समक्ष संकट खड़ा हो गया था जो राहत की उम्मीद में प्रतिमा निर्माण में लगे थे। तमाम असमंजस के बीच प्रतिमा का निर्माण किया और ऊपर वाले ने भी उनकी सुन ली। सरकार ने कुछ प्रतिबंधों के साथ दुर्गा प्रतिमाओं की स्थापना की अनुमति दी तो मूर्तिकारों के लिए लक्ष्मी की राह आसान हो गई। यानी अब वह खुले दिल से लक्ष्मी प्रतिमाओं को आकार देने में जुट गए हैं।
दशहरा के बाद दीपावली पर पंडालों में लक्ष्मी-गणेश व मां सरस्वती की प्रतिमाओं की स्थापना की जाती है। धनतेरस से शुरू होकर लक्ष्मी पूजा की पांच दिनों तक धूम रहती है। दुर्गा पूजा बीतने के बाद से ही मूर्तिकारों को आर्डर मिलने शुरू हो गए और उसी के अनुसार उन्होंने तैयारी की। अधिकतर स्थानों पर प्रतिमाएं तैयार हो चुकी हैं। अब उसमें रंग भरना बाकी है। कई ऐसे मूर्तिकार हैं जिनकी मदद परिवार के अन्य सदस्य भी कर रहे हैं। शहर के एलवल मोहल्ले में प्रतिमा को अंतिम रूप देने में लगे मूर्तिकार सेवालाल प्रजापति ने बताया कि प्रतिमा के निर्माण में एक पखवारे का समय लग जाता है। पुआल से लेकर बांस तक महंगा होने के कारण अब पहले जैसी कमाई भी नहीं रही लेकिन परंपरागत पेशा छोड़ भी नहीं सकते। उन्होंने बताया कि इधर थोड़ी समस्या यह आ रही है कि जिन्होंने प्रतिमा का आर्डर दिया है उसमें कुछ लोगों के फोन आ रहे हैं कि अभी तक पंडाल लगाने की अनुमति नहीं मिल सकी है। अगर आखिरी दिन तक अनुमति नहीं मिली तो बड़ा नुकसान भी हो सकता है।