नहरें सूखी, नलकूप भी खराब, सूख रही धान की फसल
प्रदेश सरकार द्वारा मुफ्त ¨सचाई योजना हवा-हवाई है। वर्तमान समय में नहरें सूखी हैं और नलकूप खराब हैं। ¨सचाई के दोनों प्रमुख साधन सूखे के हालात में किसानों का साथ छोड़ रहे हैं, जबकि खेत में खड़ी धान की फसल को पानी की दरकार है।
आजमगढ़ : प्रदेश सरकार द्वारा मुफ्त ¨सचाई योजना हवाहवाई साबित हो रही है। वर्तमान में नहरें सूखी हैं और नलकूप खराब हैं। ¨सचाई के दोनों प्रमुख साधन ठीक न होने से मार्टीनगंज क्षेत्र में सैकड़ों एकड़ धान की फसल पानी बिन सूख गई है। वहीं नलकूपों की हालत यह कि जिले के 22 ब्लाकों में स्थापित 542 में से कई तकनीकी गड़बड़ी के शिकार हैं। ऐसे में किसान की गाढ़ी कमाई डूबती नजर आ रही है।
किसान आसानी से कम लागत में अपनी फसलों की ¨सचाई कर सकें। इसके लिए सरकार द्वारा गांवों में राजकीय नलकूप लगवाए गए हैं। जिम्मेदार लोगों की उदासीनता के चलते किसानों को सरकार की इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। खराब पड़े नलकूपों को ठीक कराने में विभाग द्वारा कोई रुचि नहीं ली जा रही है। कुछ नलकूप रीबोर की प्रतीक्षा में हैं, वहीं कुछ तकनीकी खराबी के चलते बंद हैं। कुछ नलकूप तो ऐसे भी हैं, जिनकी नालियां क्षतिग्रस्त होने के कारण पानी किसानों के खेतों तक नहीं पहुंच पा रहा है। तहबरपुर गांव में लगा राजकीय नलकूप पिछले छह माह से खराब है। किसानों का कहना है कि नलकूप की खराबी के चलते वे अपनी फसलों की ¨सचाई नहीं कर पाते। उन्हें अपनी फसलों की ¨सचाई के लिए बरसात का इंतजार करना पड़ता है। बरसात न होने पर उनकी फसल बर्बाद हो जाती है। ''तहबरपुर गांव में स्थापित नलकूप विद्युत तकनीकी के चलते खराब है। इसे ठीक कराने के लिए विद्युत विभाग को पत्र लिखा गया है। जल्द ही इसे बनवा दिया जाएगा ताकि किसानों को फसल की ¨सचाई करने में आसानी होगी।''
-राकेश कुमार मल्ल, अधिशासी अभियंता, नलकूप विभाग, आजमगढ़।