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कल की फिक्र न कर पारंपरिक जलस्त्रोतों का मिटा रहे अस्तित्व

जागरण संवाददाता, सगड़ी (आजमगढ़) : तहसील सगड़ी की नगर पंचायत अजमतगढ़ किसी जमाने में स्वतंत्रता संग्राम

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Jun 2018 10:46 PM (IST)Updated: Fri, 22 Jun 2018 10:46 PM (IST)
कल की फिक्र न कर पारंपरिक जलस्त्रोतों का मिटा रहे अस्तित्व
कल की फिक्र न कर पारंपरिक जलस्त्रोतों का मिटा रहे अस्तित्व

जागरण संवाददाता, सगड़ी (आजमगढ़) : तहसील सगड़ी की नगर पंचायत अजमतगढ़ किसी जमाने में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की प्यास बुझाने के लिए मशहूर था। यहां के गोगा साव ओर भीखी साव ने कुंवर ¨सह के सेनानियों को पीने के लिए कुएं में राब (शक्कर) शरबत बनवा दिया था। आज उसी वार्ड में 14 पोखरी और पांच कुएं, उपेक्षा के शिकार हैं। गोगा साव द्वारा पूरी सेना के लिए जलपान की व्यवस्था की गई थी जिसमें आज लोग कूड़ा डाल कर उसका अस्तित्व समाप्त करने पर आमादा हैं। नगर पंचायत प्रशासन भी इन धरोहरों को बचाने में नाकाम है।

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नगर पंचायत के सामने पोखरी ,जो मुख्य मार्ग पर स्थित है वह अतिक्रमण का शिकार है। उसमें कई तरफ से लोगों ने अवैध निर्माण कर रखा है। नगर पंचायत प्रशासन की उदासीनता के कारण उसे खाली नहीं कराया जा सका। एक जमाने में अजमतगढ़ स्टेट के लोग और वहां के संपन्न साहूकारों ने हर 100 मीटर पर एक कुएं की व्यवस्था की थी और बावली (पोखरी) बनवाई थी। लेकिन आज वह उपेक्षा के शिकार हैं। अजमतगढ़ स्टेट द्वारा बनाए गए अजमतगढ़-जीयनपुर मार्ग पर लक्ष्मी कूप के नाम से मशहूर कुंआ भी उपेक्षा का शिकार है।


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