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कृषक-वैज्ञानिक संवाद में गेहूं की बोआई पर चर्चा

जागरण संवाददाता आजमगढ़ कृषि भवन सभागार सिधारी में बुधवार को विभिन्न विकास खंडों से आए ि

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Oct 2020 07:08 PM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 07:08 PM (IST)
कृषक-वैज्ञानिक संवाद में गेहूं की बोआई पर चर्चा
कृषक-वैज्ञानिक संवाद में गेहूं की बोआई पर चर्चा

जागरण संवाददाता, आजमगढ़: कृषि भवन सभागार सिधारी में बुधवार को विभिन्न विकास खंडों से आए किसानों का दो दिवसीय कृषक वैज्ञानिक संवाद का आयोजन किया गया।

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कृषि विज्ञान केंद्र कोटवा के अध्यक्ष डा. केएम सिंह ने गेहूं की अगेती प्रजाति जैसे एचडी-2386, एचडी-2967, एचडी-186 एवं मध्य देर से बोई जाने वाली प्रजाति पीडीडब्ल्यू-373 एवं देर से बोई जाने वाली प्रजाति हलना के बारे में जानकारी दी। साथ ही मसूर की बोआई नवंबर के प्रथम या द्वितीय सप्ताह, मटर की बोआई अक्टूबर के अंतिम सप्ताह या नवंबर के प्रथम सप्ताह, चने की बोआई नवंबर के प्रथम या द्वितीय सप्ताह और सब्जी मटर की बोआई अक्टूबर के मध्य में करना लाभदायक होता है। बीज जनित बिमारियों से बचाव के लिए बीज उपचारित करके ही बोआइ करें। वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. आरके सिंह, डा. अखिलेश, प्रभारी उप कृषि निदेशक डा. उमेश कुमार गुप्ता ने भी विस्तृत जानकारी दी। डा. रामकेवल यादव, डा. हरिनाथ यादव, डा. सीएल शर्मा, प्रगतिशील किसान हरिकृष्ण दूबे, महेंद्र सिंह चौहान, चंद्रभान यादव, मुंद्रिका एवं सौरभ सिंह सहित 56 किसान शामिल हुए।


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