Azamgarh Weather Forecast : आजमगढ़ में घना कोहरा, खतरनाक हुईं सेहत के लिए हवाएं
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने हवा को खतरनाक बताते हुए घरों के खिड़की दरवाजे बंद रखने के साथ ही बाहर न निकलने की हिदायत दी है। सूर्योदय सुबह 6.10 बजे हुआ। माैसम विज्ञानियों ने दिन में गलन बने रहने एवं सूर्यास्त शाम में 5.11 बजे होने की संभावना जताई है।
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : जनपद में मौसम ने तेजी से करवट ली है। घने कोहरे के साथ सर्दी तेजी से दस्तक देने लगी है। त्योहारी सीजन में साफ-सफाई व आतिशबाजी के कारण एयर क्वालिटी इंडेक्टस 252 तक जा पहुंचने से हवाएं श्वांस लेने लायक नहीं बची हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने हवा को खतरनाक बताते हुए घरों के खिड़की, दरवाजे बंद रखने के साथ ही बाहर न निकलने की हिदायत दी है। सूर्योदय सुबह 6.10 बजे हुआ। माैसम विज्ञानियों ने दिन में गलन बने रहने एवं सूर्यास्त शाम में 5.11 बजे होने की संभावना जताई है।
रविवार को आधी रात के बाद मौसम में ज्यादा बदलाव हुआ। मैदानी इलाकों में कोहरे के धुंध ने दस्तक दी, जो तड़के सूर्योदय के बाद भी बनी रही। इसके कारण न्यूनतम तापमान लुढ़ककर 15 डिग्री सेल्सियस पर आ पहुंचा। जबकि मौसम विज्ञानियों ने अधिकतम तापमान भी 28 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना जताई है। यह कहना ठीक रहेगा कि मौसम में तेजी से बदलाव के साथ सर्दियों ने लोगों को आगोश में लेने को मन लिया है। हवाओं की 7.7 किमी. प्रति घंटा रफ्तार जरूर ज्यादा कष्टकारी साबित नहीं हुई। इसमें वृद्धि सर्दियों की ताकत बढ़ा देगी। वातारण में आर्द्रता (नमी) 85 फीसद बनी रही।
धीमी पड़ी हाईवे और लिंक मार्गों की रफ्तार
घने कोहरे की दस्तक का असर हाईवे व लिंक मार्गों की रफ्तार पर नजर आया। मालवाहक समेत अन्य वाहन चले तो जरूर, लेकिन उनकी गति सामान्य के मुकाबले धीमी रही। दृश्यता कम होने से चालकों को स्टेयरिंग संभालने संग आंखों पर जोर देना पड़ रहा था। हालांकि, आने वाले समय में दुश्वारियां और गहराएंगी।
एक्यूआइ का समझिए गणित
एक्यूआइ एयर क्वालिटी इंडेक्स में शून्य से 50 के बीच स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है। जबकि 51 से 100 का अंक संतोषजनक, 101 से 200 के बीच से सेहत को बहुत नुकसान नहीं पहुंचाने वाला, 201 से 300 को नुकसानदायक व इससे ऊपर 300 से 401 धीरे-धीरे ऊपर के क्रम में गंभीर होता जाता है।
बोले चिकित्सक : ‘सर्दी में टहलना लाभदायक होता है, लेकिन एक्यूआइ का अंक 252 इसके लिए इजाजत नहीं देता। बदलते मौसम में खानपान का विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है। हड्डियां को परेशानी ज्यादा होती है, लिहाजा शरीर को पर्याप्त कैल्शियम, मिनरल्स व अन्य पोषक तत्व मिलने के लिए हमें दिनचर्या में सुधार करना होगा। दूध, दही, ब्रोकली, हरी पत्तेदार सब्जियां, तिल के बीज, अंजीर, सोयाबीन और बादाम का दूध जैसे पौष्टिक आहार को खाद्य पदार्थ के रूप में शामिल करने से दुश्वारियां कम होंगी। विटामिन डी का सबसे अच्छा स्रोत सूर्य की किरणें हैं। डेयरी उत्पाद और कई अनाज, सोया दूध और बादाम के दूध में विटामिन डी पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। एक्यूआइ की मात्रा 100 से ऊपर होने पर घरों में खिड़की-दरवाजे बंद कर रहें।’ - डा. दुर्गेश श्रीवास्तव।