जमीन हथियाने के लिए दबंगों ने बदलवा दिया नक्शा
आजमगढ़ : दबंगों व धनपशुओं के दबाव में किस तरह सरकारी मशीनरी खेल रही है। इसका साक्षात प्रमाण देखने को मिल रहा है तहसील सगड़ी गोपालपुर क्षेत्र के ग्राम सभा परशुरामपुर के मिश्रपुर कुलमन गांव में। जहां एक दबंग के प्रभाव में आकर राजस्व कर्मी ने जमीन का नक्शा ही बदल दिया और पुराने नक्शे की जगह अपने मन-मुताबिक नया नक्शा बनाकर अभिलेखागार को सौंप दिया। इसके बाद कानून को मोहरा बनाकर असल भूस्वामियों से जमीन खाली कराने की रणनीति बुनी जाने लगी।
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : दबंगों व धनपशुओं के दबाव में किस तरह सरकारी मशीनरी खेल रही है, इसका साक्षात प्रमाण देखने को मिल रहा है तहसील सगड़ी गोपालपुर क्षेत्र के ग्राम सभा परशुरामपुर के मिश्रपुर कुलमन गांव में। जहां एक दबंग के प्रभाव में आकर राजस्व कर्मी ने जमीन का नक्शा ही बदल दिया और पुराने नक्शे की जगह अपने मन-मुताबिक नया नक्शा बनाकर अभिलेखागार को सौंप दिया। इसके बाद कानून को मोहरा बनाकर असल भूस्वामियों से जमीन खाली कराने की रणनीति बुनी जाने लगी। पीड़ित को जब इस बात का पता चला तो मंडलायुक्त के यहां गुहार लगाई। शिकायत को संज्ञान में लेते हुए मंडलायुक्त ने जिलाधिकारी को एसडीएम सगड़ी से पूरे मामले की जांच कराने का निर्देश दिया है।
शिकायतकर्ता व पीड़ित अनंत प्रसाद मिश्र ने बताया कि गांव में उनका संस्कार वाटिका नाम से विद्यालय संचालित है। नाली के उस पार पश्चिम तरफ एक व्यक्ति का मकान बना हुआ है, जो दूसरे नंबर की आराजी में है। काफी पहले उनके पिता के समय एक अन्य पड़ोस के भूमिधर से चले मुकदमे के बाद न्यायालय के आदेश पर हुए सीमांकन के अनुसार सब कुछ यथावत है। पत्थर भी अपनी जगह गड़े हुए हैं। इसी बीच दबंगों ने साजिशन नक्शे में फेरबदल करवाकर अपनी आराजी लगभग डेढ़ गुना बढ़वा ली तथा अन्य दोनों भूमिधर पड़ोसियों के रकबा की लंबाई-चौड़ाई में परिवर्तन कराकर छोटा करा दिया। कूटरचित नए नक्शे के मुताबिक सड़क के किनारे और अधिक रकबा बढ़वा लेने में सफल रहे। नए नक्शे को उसने अपनी पहुंच के बल पर राजस्व कर्मियों से मिलकर अभिलेख में भी लगवा दिया। इतना नहीं पीड़ित यानी अनंत मिश्र आदि पर अतिक्रमण का आरोप लगाते हुए अपने मकान, नाली और भूमि के सीमांकन तथा पैमाइश के लिए मुख्यमंत्री के पोर्टल पर आवेदन भी डाला। इस शिकायत का पता चलते ही जब पीड़ित श्री मिश्र ने सत्यता का पता लगाना शुरू किया। वर्ष 1997 तथा वर्ष 2003 का प्रमाणित नक्शा निकलवाकर वर्ष 2007 के नक्शे से मिलान करवाया तो वह पूरी तरह से भिन्न निकला। सारा खेल समझ में आते ही उन्होंने मंडलायुक्त के यहां इस कूटरचना की शिकायत की। इस पर मंडलायुक्त ने जिलाधिकारी को उपजिलाधिकारी सगड़ी से जांच कराने का आदेश दिया है। इस आदेश के डेढ़ माह बीतने के बाद भी जिला प्रशासन ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है। ''यदि ऐसा मामला है तो इसकी जांच कराई जाएगी। यदि रिपोर्ट में नक्शा बदलवाने की पुष्टि हुई तो जमीन बढ़वाने वाले और नक्शा में परिवर्तन करने वाले, दोनों के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी।''
-पंकज कुमार श्रीवास्तव, एसडीएम, सगड़ी।