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पराली न जलाए जाने की कार्ययोजना बनाएं एसडीएम

जागरण संवाददाता आजमगढ़ पराली जलाए जाने को लेकर एनजीटी(राष्ट्रीय हरित न्याधिकरण) काफ

By JagranEdited By: Published: Wed, 25 Nov 2020 10:23 PM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2020 10:23 PM (IST)
पराली न जलाए जाने की कार्ययोजना बनाएं एसडीएम
पराली न जलाए जाने की कार्ययोजना बनाएं एसडीएम

जागरण संवाददाता, आजमगढ़: पराली जलाए जाने को लेकर एनजीटी(राष्ट्रीय हरित न्याधिकरण) काफी सख्त है। राजस्वकर्मी व कृषि विभाग के कर्मचारी चिह्नित कर ऐसे किसानों के खिलाफ कार्रवाई भी सुनिश्चित कर रहे हैं। अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व गुरु प्रसाद गुप्ता ने सभी उप जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि किसानों द्वारा पराली न जलाए जाने के लिए कार्ययोजना तैयार करें। साथ ही प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की समीक्षा कर आख्या प्रस्तुत करें।

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उन्होंने खनन विभाग के अधिकारी को निर्देश दिए कि जिले में जो भी ईंट-भट्ठा सक्रिय हैं, उनसे बकाया राजस्व जमा कराया जाए। बकाएदारों की सूची बना ली जाए और उसे संबंधित एसडीएम को उपलब्ध करा दिया जाए। आवश्यक हो तो आरसी जारी कर भू-राजस्व की भांति वसूली निर्धारित की जाए। एसडीएम को निर्देशित किया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में जो भी ईंट-भट्ठे सक्रिय हैं, उनका चालान चेक करना सुनिश्चित करें। किसान क्रेडिट कार्ड के लंबित प्रकरणों के निस्तारण को लेकर भी प्रशासन की सक्रियता बढ़ गई है। मुख्य राजस्व अधिकारी हरिशंकर ने समस्त एसडीएम को निर्देश दिए हैं कि तहसीलों में अभी भी किसान क्रेडिट कार्ड से संबंधित 17,000 फार्म लंबित हैं। इसलिए लंबित फार्मों को लेखपाल के माध्यम से 100 फीसद अनुपालन कराना सुनिश्चित कराएं। इसमें किसी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। साथ ही क्रियान्वयन से संबंधित आख्या प्रस्तुत करें।

बायो डिकम्पोजर व गुड़ से खत्म हो जाएगी पराली

जागरण संवाददाता, बूढ़नपुर (आजमगढ़) : कोयलसा ब्लाक में कृषि इकाई प्रभारी संतोष यादव की अध्यक्षता में हुई संगोष्ठी में पराली व अन्य फसल अवशेष प्रबंधन की जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि पराली को खेत में ही नष्ट करने के लिए बायो डिकम्पोजर व गुड़ का प्रयोग किया जाए तो मिट्टी की भी सेहत सुधरेगी।

श्री यादव ने बताया कि 20 ग्राम बायो डिकम्पोजर को 200 लीटर पानी में डालकर उसमें तीन किलोग्राम गुड़ डाल कर ढक दें। दो दिन तक घोल को डंडे से दो-तीन बार मिलाते रहें। उसके बाद एक सप्ताह छोड़ दें तो घोल की सतह पर हरे व भूरे रंग का फंगल दिखाई देने लगेगा। सातवें दिन अच्छी प्रकार से मिलाकर एक एकड़ फसल अवशेष व पराली पर छिड़काव कर दें जिससे फसल अवशेष शीघ्र ही नष्ट हो जाएगा और खेती की मिट्टी की सेहत भी सुधरेगी। इस अवसर पर किसानों को मुफ्त बायो डिकम्पोजर वितरित किया गया। मुकेश सिंह, जितेंद्र पांडेय, संजय, अशोक, मनोज, गिरिजेश, आलोक आदि उपस्थित रहे।


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