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बोआई के बाद फसल को पशुओं से बचाना चुनौती

जागरण संवाददाता माहुल (आजमगढ़) कस्बा और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों बेसहारा

By JagranEdited By: Published: Mon, 07 Dec 2020 09:43 PM (IST)Updated: Mon, 07 Dec 2020 09:43 PM (IST)
बोआई के बाद फसल को पशुओं से बचाना चुनौती
बोआई के बाद फसल को पशुओं से बचाना चुनौती

जागरण संवाददाता, माहुल (आजमगढ़) : कस्बा और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों बेसहारा पशुओं का आतंक बढ़ गया है। एक तरफ बाजार के दुकानदार परेशान हैं तो वहीं फसल की बोआई के बाद उसे बचाना किसानों के लिए चुनौती बन गई है। शिकायत के बाद भी नगरपंचायत प्रशासन से लेकर तहसील प्रशासन तक ध्यान नहीं दे रहा है।

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नगर पंचायत का वार्ड नंबर चार नेहरू नगर कृषि प्रधान क्षेत्र है। इस वार्ड के राजस्व ग्राम पूरामया पांडेय में 70 घरों के लोगों की जीविका कृषि पर आधारित है। माहुल बाजार से सटे गांव की हालत यह है कि झुंड में बाजार में घूमते पशु किसानों के खेतों में पहुंचकर मटर, अरहर, चना आदि की फसलों को चट कर जा रहे हैं। गांव के सूर्यमणि पांडेय, दुर्गावती पांडेय, राधेश्याम पांडेय की मटर की फसल चट कर गए। इन लोगों को दोबारा बोआई करनी पड़ी। अपने खेतों में फसल को चरते देख जब किसान इन्हें भगाने जाते हैं तो उन्हें दौड़ाकर घायल कर देते हैं।

यही परेशानी बाजार के सब्जी, फल व लाई-चूड़ा आदि के दुकानदारों की भी है। एक तरफ जहां बाजार में बंदरों का आतंक पहले से है वहीं दूसरों तरफ इन दिनों लोग बेसहारा पशुओं की समस्या से जूझ रहे हैं। क्षेत्र के इंद्रमणि पांडेय, गिरजाशंकर पांडेय, पतिराम, विनय, महेंद्र विश्वकर्मा आदि ने समस्या से निजात दिलाने की मांग की है। इस संबंध में अधिशासी अधिकारी दिनेश चंद आर्य का कहना है कि पिछले वर्ष ऐसी समस्या उत्पन्न हुई थी तो पशुओं को पकड़वा कर गो-आश्रय स्थलों में में भेजा गया था। इस समय अगर समस्या बढ़ी है तो उसका समाधान किया जाएगा।


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