उत्साह के साथ मना जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी
जागरण संवाददाता आजमगढ़ जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी (बारावफात) का त्योहार शुक्रवार को उत्साह
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी (बारावफात) का त्योहार शुक्रवार को उत्साह के साथ मनाया गया। शहर की दो दर्जन से ज्यादा अंजुमनों ने जुलूस निकाला और इस दौरान नातिया कलाम पेश करने के साथ अमन-चैन की दुआ की। इसके लिए अंजुमनों ने अपनी ओर से एक दिन पहले ही तैयारी पूरी कर ली थी। पर्व को देखते हुए जामा मस्जिद से लेकर अन्य मस्जिदों को झालरों से सजाया गया था और आसपास झंडे लगाए गए थे। कमेटियों की ओर से भी जगह-जगह स्वागत द्वार बनाए गए थे। एहतियात के तौर पर हर तरफ पुलिस भ्रमण कर रही थी। इस बार अंजुमनों के स्वागत के लिए स्टाल नहीं दिखे।
इससे पहले शहर सभी अंजुमनें निस्वां कालेज के पास एकत्र हुईं और नात पढ़ते हुए पहाड़पुर, शिब्ली चौराहा, तकिया, कोट, टेढि़या मस्जिद, बाजबहादुर, किला कोट, दलालघाट, पुरानी कोतवाली होते हुए मुख्य चौक पहुंचीं। वहां अमन चैन की दुआ के बाद पुरानी सब्जीमंडी, कटरा, बदरका, पांडेय बाजार होते हुए जामा मस्जिद पहुंचीं जहां मौलाना ने तकरीर पेश की।
निजामाबाद : नगर के मदरसा कंजूल ईमान से मौलाना अब्दुल रज्जाक मिस्बाही, हाफिज सरफराज, मौलाना अबुशाद के नेतृत्व में जुलूस निकाला गया जो शाह गोला दिवान, शाही जामा मस्जिद, थाना मोड़ होते हुए मदरसा पहुंचकर दोपहर 12 बजे समाप्त हुआ। जुलूस के रास्तों में हाफिज सरफराज साहब ने हजरत मुहम्मद सरहब की जिदगी पर प्रकाश डाला। मदरसा के बच्चों ने ने नातिया कलाम पेश किया। जुलूस में मो. सद्दाम, अलाउद्दीन, अब्दुल जब्बार, मो. नदीम, मो. गुलाम, तालिब, इकबाल, खालिद, नसीम, मो. शाहिल आदि लोगों ने हिस्सा लिया। अध्यक्षता मौलाना अब्दुल रज्जाक मिस्बाही साहब व संचालन मो. नदीम ने किया।