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किसी तरह घर बुला लो, 21 दिन रहूंगा क्वारंटाइन

जागरण संवाददाता बरदह (आजमगढ़) एक-एक दिन भारी पड़ रहा है डीएम से कहो सीएम से कहो या पीएम से कहो लेकिन किसी तरह से घर बुलाने का इंतजाम करो। यहां बहुत परेशान हूं सरकारी राहत सामग्री के वितरण में भी सौतेला व्यवहार अपनाया जा रहा है। घर आने के बाद 14 नहीं 21 दिन भी रह जाऊंगा क्वारंटाइन लेकिन कुछ करो। यह दर्द है मुंबई में फंसे जिले के लोगों का जो अपने घर फोन कर व्यक्त कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 09 Apr 2020 04:56 PM (IST)Updated: Thu, 09 Apr 2020 04:56 PM (IST)
किसी तरह घर बुला लो, 21 दिन रहूंगा क्वारंटाइन
किसी तरह घर बुला लो, 21 दिन रहूंगा क्वारंटाइन

जागरण संवाददाता, बरदह (आजमगढ़) : एक-एक दिन भारी पड़ रहा है। डीएम से कहो, सीएम से कहो या प्रधानमंत्री से गुहार लगाओ लेकिन घर बुलाने का इंतजाम करो। यहां बहुत परेशान हूं, सरकारी राहत सामग्री के वितरण में भी सौतेला व्यवहार हो रहा है। घर आने के बाद 14 नहीं 21 दिन भी रह जाऊंगा क्वारंटाइन लेकिन कुछ करो।

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यह दर्द है मुंबई में फंसे जिले के लोगों का है, जो अपने घर फोनकर व्यक्त कर रहे हैं। जिले के बरदह, दुबरा, बरौना, जिवली, गोड़हरा, राजागंज क्षेत्र के काफी संख्या में ग्रामीण रोजी-रोटी हेतु मुंबई में रहते हैं। लॉकडाउन के बाद दर्जनों लोग वहां फंसकर रह गए हैं। घर का राशन खत्म हो गया है। सहायता के नाम पर कुछ नहीं मिल रहा है। क्षेत्र के प्रवीण तिवारी, राहुल राय, रोहित राय, चेतना मिश्रा, अनुष्का मिश्रा, मनीष गुप्ता व अजय कुमार मिश्रा आदि ने मुंबई से घर पर फोन कर कहा कि लॉकडाउन के अब काफी दिन हो गए हैं। लॉकडाउन बढ़ाने की खबर ने उनकी नींद उड़ा दी है। ऐसे में कोरोना भले न हो पर भुखमरी के शिकार जरूर हो जाएंगे।


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