खरीद लो मेहनत मेरी, मेरे घर भी दिवाली है
आजमगढ़ बनाकर दिये मिट्टी के जरा सी आस पाली है खरीद लो मेहनत मेरी मेरे घर भी दिवाली है। इन पंक्तियों को सार्थक करने के लिए बुधवार को महिला मंडल एवं जय मातृ भूमि सेवा ट्रस्ट की ओर से वृद्धजनों का सम्मान एवं दीपों का मेला आयोजित किया गया। नगर के आराजीबाग स्थित गेस्ट हाउस में आयोजित मेले का शुभारंभ मुख्य अतिथि स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. विभा त्रिपाठी ने किया।
जागरण संवाददाता, आजमगढ़: 'बनाकर दिये मिट्टी के जरा सी आस पाली है, खरीद लो मेहनत मेरी, मेरे घर भी दिवाली है'। इन पंक्तियों को सार्थक करने के लिए बुधवार को महिला मंडल एवं जय मातृ भूमि सेवा ट्रस्ट की ओर से वृद्धजनों का सम्मान एवं दीपों का मेला आयोजित किया गया। नगर के आराजीबाग स्थित गेस्ट हाउस में आयोजित मेले का शुभारंभ मुख्य अतिथि स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. विभा त्रिपाठी ने किया। कार्यक्रम की आयोजक महिला मंडल की सचिव पूनम सिंह ने बताया कि प्रसिद्ध काली मिट्टी के बर्तन का निर्माण करने वाले निजामाबाद के हस्तशिल्पियों के साथ जिले के विभिन्न अंचलों से कुंभकारों ने अपने दीपकों का स्टाल सजाया है, जो आकर्षण का केंद्र है। मेले का मुख्य उद्देश्य प्रदूषण मुक्त दीपावली मनाना, अपने देश के कलाकारों की मेहनत का सम्मान करके, उन्हें इस विधा को प्रोत्साहित कर स्वरोजगार की गांधी जी की संकल्पना को साकार करना है। साथ ही स्वदेश प्रेम की भवना जागृत कर अपने देशी उत्पादों का आदर एवं उसका उपभोग करना भी है। अध्यक्ष अनीता द्विवेदी ने कहा कि स्वदेशी को बढा़वा देना राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का सपना था, जिनके सपने को साकार करने के लिए दूसरे वर्ष भी यह कार्य किया गया। ऐसे आयोजनों से कुंभकारों का हौसला बढ़ेगा और चाइनीज झालरों का उपयोग थमेगा। मुख्य अतिथि डा. विभा त्रिपाठी ने कहा कि वरिष्ठ लोगों को आदर करने की भावना जागृत कर सेवाभाव को अपने आचरण में शामिल कर प्रसन्न रहने के लिए प्रेरित किया जाना है।