दलित मतों को सहेज गईं बसपा प्रमुख मायावती
आजमगढ़ बसपा प्रमुख मायावती कांग्रेस के बाद भाजपा पर पूरी तरह हमलावर रहीं। वहीं दलित वोटों को भी सहेज गईं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पर तंज कसा। कहाकि पांच चरण का चुनाव संपन्न होने के बाद ये दोनों चुनावी सभा के कई कार्यक्रम बना रहे हैं। उन्होंने आजमगढ़ के मंदुरी में प्रधानमंत्री की नौ मई को प्रस्तावित जनसभा को जिक्र किया। कहा कि सुना हूं कि प्रधानमंत्री आने वाले हैं लेकिन कुछ मिलने वाला नहीं है। क्योंकि अब तक के हुए चुनाव में गठबंधन के पक्ष में अच्छी रिपोर्ट मिल रही है।
जागरण संवाददाता, आजमगढ़: बसपा प्रमुख मायावती कांग्रेस के बाद भाजपा पर पूरी तरह हमलावर रहीं। वहीं, दलित वोटों को भी सहेज गईं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पर तंज कसा। कहाकि पांच चरण का चुनाव संपन्न होने के बाद ये दोनों चुनावी सभा के कई कार्यक्रम बना रहे हैं। उन्होंने आजमगढ़ के मंदुरी में प्रधानमंत्री की नौ मई को प्रस्तावित जनसभा को जिक्र किया। कहा कि सुनी हूं कि प्रधानमंत्री आने वाले हैं लेकिन कुछ मिलने वाला नहीं है। क्योंकि अब तक के हुए चुनाव में गठबंधन के पक्ष में अच्छी रिपोर्ट मिल रही है।
हंसी के लहजे में भाजपा प्रत्याशी दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' के बहाने कहा कि प्रधानमंत्री जिस प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार करने आ रहे हैं। उसकी तरह अखिलेश यादव तो नहीं कर सकते। हां, गीत-गाना सुनेंगे और मनोरंजन कर चले जाएंगे। इससे ज्यादा और कुछ हासिल नहीं होने वाला है। उन्होंने आजमगढ़ की दोनों सीटों के अलावा पूर्वांचल की सीटों पर भी जीत सुनिश्चित करने के लिए कहा कि पुराने गिले-शिकवे भूलकर सामाजिक परिवर्तन लाने के लिए एकजुट हो जाएं। तभी बाबा साहब के सपने पूरे होंगे। आगाह किया कि चुनाव के दिन सुबह ही लाइन में लगकर मतदान करें तब पेट की बात। भीड़ में महिलाओं की संख्या अधिक देख कहा कि अभी तो पुरुष पीछे किए हुए हैं लेकिन मतदान के दिन सभी एक साथ बूथों पर वोट देने जाएं। पहले मतदान की बात पर कहा कि यदि भोजन न भी किया तो एक दिन उपवास रखने से पेट भी सही रहता है। इसलिए पहले वोट करें। इस दौरान उन्होंने लोगों से भावानात्मक रिश्ता भी मजबूत करने की कोशिश की। भीड़ की ओर इशारा करते हुए कहा कि अखिलेश यादव मुझे बड़ा मानकर चलते हैं। इसलिए आप सभी यह सोच कर मतदान करना की आप की बहन चुनाव लड़ रहीं हैं। गठबंधन की मजबूती पर भी उन्होंने पक्ष रखा। कहा कि यह गठबंधन टूटने वाला नही हे। सरकार को उखाड़ फेकेंगे। चेलो को भी जब तक मठ में भेज नहीं लेंगे, यह गठबंधन टूटने वाला नहीं। सरकार के अच्छे दिन लद गए।
----
चहेतों को सुन, निकलने लगी भीड़
मंच पर सभी नेता बैठे थे। सबसे पहले बसपा सुप्रीमों ने जनसभा को संबोधित किया। भाषण समाप्त होते ही बसपा के बहुतायत समर्थक निकलने लगे। कुछ यही हाल सपा सुप्रीमों के भाषण के बाद भी हुआ। अखिलेश का जैसे ही भाषण समाप्त हुआ लोग निकलने लगे। अंत में रालोद सुप्रीमों चौधरी अजित सिंह के भाषण के दौरान तो बहुतायत पब्लिक खड़ी हो गई।