गैस सिलेंडरों की मोबाइल एप से बुकिग व होम डिलेवरी
आजमगढ़ मऊ जिले में हुए हादसे के बाद गैस कंपनियों ने सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है। गैस सिलेंडरों की बुकिग से लेकर होम डिलेवरी तक अब मोबाइल एप से की जाएगी। इसी के साथ डिलेवरी करने से डिलेवरी मैन सिलेंडरों के बंग पीन व ओरिग की मशीनों से जांच करेंगे। पूर्वांचल में भारत गैस कंपनी ने आजमगढ़ शहर से शुरूआत कर दी है।
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : मऊ जिले में हुए हादसे के बाद गैस कंपनियों ने सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है। गैस सिलेंडरों की बुकिग से लेकर होम डिलीवरी तक अब मोबाइल एप से की जाएगी। इसी के साथ डिलेवरी करने से डिलेवरी मैन सिलेंडरों के बंग, पीन व ओरिग की मशीनों से जांच करेंगे। पूर्वांचल में भारत गैस कंपनी ने आजमगढ़ शहर से शुरुआत कर दी है।
भारत पेट्रोलियम के आजमगढ़, मऊ, जौनपुर जिले के सेल्स अधिकारी आदर्श शुक्ल ने शुक्रवार को शहर के रोडवेज स्थित केटी गैस एजेंसी के डिलेवरी मैनों को कंपनी की ओर से सुरक्षा व सतर्कता के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पूरे देश में 25 करोड़ से अधिक उपभोक्ता हैं। प्लांट से लेकर, गोदाम व वितरण से पूर्व तक सुरक्षा के सभी मानकों की जांच की जाती है। उन्होंने कहा कि गैस सिलेंडर से जो भी घटनाएं घटित होती हैं वह अधिकतर सुबह के समय होती है। कारण कि अक्सर रात में भोजन बनाने के बाद लोग किचन बंद कर देते हैं और पूरी रात रिसाव होने से किचन में गैस भर जाता है। जैसे ही चूल्हा जलाने का प्रयास करते हैं तभी आग लग जाती है। इसलिए ग्राहकों को भी चाहिए कि पूरा चेक करने के बाद ही सिलेंडर लें। डिलेवरी करने वाले जब सिलेंडर लेकर जाते हैं तो अपने साथ दो व छह किलो का फायर एक्सटिन्यूसर भी लेकर चलेंगे। एजेंसी के प्रोपराइटर देवेंद्र पांडेय ने कहा कि आज से ही इन सभी नियमों की शुरूआत करा दी गई है। सभी डिलेवरी मैन को एंड्रायड मोबाइल के साथ लीकेज चेक करने की मशीन भी उपलब्ध करा दी गई है।
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बरतें सावधानी, इन पर दें ध्यान
-सिलेंडर लेते समय जांच लें कि वह सील पैक है या नहीं
-प्रति सिलेंडर में 14.200 किलो गैस का वजन कर चेक कर लें
-सिलेंडर एक्सपायरी है या नहीं, इसकी जांच कर लें
-नीचे के तल, बीच के वेल्डिग के जोड़ को चेक करें कि लीकेज है कि नहीं
-सिलेंडर के बंग, पिन व ओरिग की जांच कर लें, लीकेज होने पर उसे बदल दें
-लीकेज चेक करने के लिए डिलेवरी मैन से मशीन लें
-रेग्यूलेटर, पाइप को भी चेक करते रहें और समय पर उसे बदल दें
-उपयोग न होने पर रेग्यूलेटर को बंद कर दें या उस पर कैप लगा दें
-लीकेज की शिकायत है तो तत्काल एजेंसी व अग्नि शमन को फोन करें।