प्रयागराज में संगम पर सजेगी आजमगढ़ की ब्लैक पॉटरी
आजमगढ़ प्रयागराज में गंगा-जमुना के संगम पर आयोजित कुंभ मेले में आजमगढ़ के निजामाबाद की विश्व प्रसिद्ध ब्लैक पॉटरी की भी चमक बिखरेगी। 'एक जिला , एक उत्पाद' में चयनित उत्पाद से जुड़े हस्तशिल्पियों को बाजार मुहैया कराने और प्रोत्साहन के उद्देश्य से कुंभ मेले में प्रतिभाग निजामाबाद के चार हस्तशिपियों का चयन किया गया है, जो अपने उत्पाद का कुंभ मेले में स्टॉल लगाएंगे।
विकास ओझा, आजमगढ़
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प्रयागराज में गंगा-जमुना के संगम पर आयोजित कुंभ मेले में आजमगढ़ के निजामाबाद की विश्व प्रसिद्ध ब्लैक पॉटरी की भी चमक बिखरेगी। वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट प्लान यानी एक जिला, एक उत्पाद (ओडीओपी) में चयनित उत्पाद से जुड़े हस्तशिल्पियों को बाजार मुहैया कराने और प्रोत्साहन के उद्देश्य से कुंभ मेले में प्रतिभाग के वास्ते निजामाबाद के चार हस्तशिल्पियों का चयन किया गया है। ये हस्तशिल्पी मेले में अपने उत्पाद का स्टॉल लगाएंगे।
कुंभ मेले में पूरे प्रदेश से ओडीओपी के तहत चयनित उत्पाद से जुड़े हस्तशिल्पी प्रतिभाग करेंगे। मेले में प्रतिभाग करने वाले हस्तशिल्पियों को हस्तशिल्प विपणन प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत प्रति हस्तशिल्पी अधिकतम 10 हजार रुपये ट्रांसपोर्टेशन के लिए जिला उद्योग केंद्र एवं प्रोत्साहन केंद्र से दिया जाएगा। इसके लिए संबंधित हस्तशिल्पी को मेले से लौटने के बाद ट्रांसपोर्टेशन का बिल जमा करना होगा। कुंभ मेले में प्रतिभाग करने को लेकर जिले के हस्तशिल्पी काफी उत्साहित हैं। कुंभ मेले में यह हस्तशिल्पी करेंगे प्रतिभाग
-अनिल कुमार प्रजापति पुत्र घुरहू प्रजापति, हुसैनाबाद, निजामाबाद।
-अखिलेश प्रजापति पुत्र रामहरि प्रजापति, हुसैनाबाद, निजामाबाद।
-प्रेमसागर प्रजापति पुत्र श्यामनरायन प्रजापति, हुसैनाबाद, निजामाबाद।
-कंचन प्रजापति पत्नी रतनलाल प्रजापति, हुसैनाबाद, निजामाबाद। पूर्वाचल के जिलों के चयनित उत्पाद
आजमगढ़ में निजामाबाद की ब्लैक पाटरी, मऊ का पॉवरलूम, बलिया की ¨बदी, भदोही की कालीन, वाराणसी की रेशमी साड़ी, जौनपुर की दरी, गाजीपुर का वॉल हैं¨गग। ''इस बार प्रयागराज कुंभ मेले में पारंपरिक कारोबार को बढ़ावा देने के लिए स्टाल लगाए जाएंगे। इसमें एक जिला, एक उत्पाद के अंतर्गत चयनित उत्पाद से जुड़े पूरे प्रदेश के हस्तशिल्पी अपने उत्पाद लेकर पहुंचेंगे। इसके लिए ब्लैक पॉटरी से जुड़े चार शिल्पकारों का चयन किया गया है। इन्हें आयोजन में भाग लेने के बाद योजना के तहत प्रति हस्तशिल्पी अधिकतम 10 हजार रुपये ट्रांसपोर्टेशन किया दिया जाएगा।''
-रंजन चतुर्वेदी, उपायुक्त, उद्योग एवं प्रोत्साहन केंद्र।