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भिक्षावृत्ति प्रतिषेध विधेयक को शासन की हरी झंडी

आजमगढ़ शहर में कहीं भी मंदिर मस्जिद गुरद्वारा सार्वजनिक स्थल बाजार चट्टी चौराहे आदि स्थानों पर भीख मांगते हुए लोगों को देखा जा सकता है। इस भिक्षावृत्ति में तमाम ऐसे लोग भी जुड़े हुए है जो लोग आराम से काम करके अपना जीवन बशर कर सकते हैं लेकिन उनकी आदत में सुमार हो गया है। यह लोग कार्य करने की जगह भींख मांगने का धंधा बना लिए हैं। यही नहीं तमाम अभिभावक अपने बालकों को इस धंधे से जोड़ रखे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 28 Jul 2019 12:04 AM (IST)Updated: Sun, 28 Jul 2019 12:11 AM (IST)
भिक्षावृत्ति प्रतिषेध विधेयक को शासन की हरी झंडी
भिक्षावृत्ति प्रतिषेध विधेयक को शासन की हरी झंडी

जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : जनपद में कहीं भी मंदिर, मस्जिद, गुरद्वारा, सार्वजनिक स्थल, बाजार, चट्टी चौराहे आदि स्थानों पर भीख मांगते हुए लोगों को देखा जा सकता है। इस भिक्षावृत्ति में तमाम ऐसे लोग भी जुड़े हुए है जो लोग आराम से काम करके अपना जीवन बसर कर सकते हैं लेकिन उनकी आदत में शुमार हो गया है। यह लोग कार्य करने की जगह भीख मांगने का धंधा बना लिए हैं। यही नहीं तमाम सम्पन्न अभिभावक अपने बालकों को इस धंधे से जोड़ रखे हैं। यह भी कहा जा सकता है कि किशोर व किशोरियों के भीख मांगने से इनकी रोजी चलती है। इससे भिक्षावृत्ति को बढ़ावा मिल रहा है और जनपद में भिक्षुओं की तादाद बढ़ती जा रही है। यही नहीं शहर में कई ऐसे भिक्षु हैं जिनके लड़के बड़े-बड़े विद्यालयों में पढ़ाई कर रहे हैं। ऐसे में शासन ने भिक्षावृत्ति प्रतिषेध विधेयक को हरी झंडी दे दी है। जनपद के आला अफसरों के पास इस आदेश की प्रति पहुंच गई है। पहले चरण में सर्वप्रथम बालकों की भिक्षावृत्ति पर रोक लगेगी और बालकों से भिक्षावृत्ति कराने वाले अभिभावकों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए प्रशासन द्वारा जल्द ही निराश्रित सहायता समिति गठित की जाएगी। समिति में एक अध्यक्ष तथा अन्य सदस्य होंगे। इस अधिनियम के बाद अब कोई भी व्यक्ति इन क्षेत्रों में भीख नहीं मांगेगा। भिक्षा मांगने वालों को पुलिस तुरन्त बिना किसी वारंट के गिरफ्तार करेगी। इसके बाद इसकी जांच की जाएगी। दोष सिद्ध होने पर उसके विरुद्ध एक वर्ष तक की सजा हो सकती है। कोई भिक्षावृत्ति के लिए बालक को अगर प्रेरित भी करता है तो उसके विरुद्ध कार्रवाई होगी।

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कुष्ठ रोग व संक्रामक रोग की होगी जांच

अगर कोई भिखारी कुष्ठ रोग व संक्रामक रोग के लिए भीख मांगते हुए पाया जाता है तो मुख्य चिकित्साधिकारी के नेतृत्व में गठित कमेटी उसकी जांच करेगी। यह भी जांच करेगी कि वह शारीरिक परिश्रम करने योग्य है या नहीं। अगर वह पीड़ित मिलता है तो उसका इलाज करवाने के लिए किसी संस्था को अधीन किया जाएगा अगर झूठा निकलता है तो कार्रवाई हो सकती है।

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सार्वजनिक स्थान पर भी होगी रोक

अगर किसी रेलगाड़ी, बस, प्राइवेट गाड़ी आदि में इस तरह का भिक्षाटन पाया जाता है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। ऐसे लोगों को पकड़कर इनकी हुलिया को देखा जाएगा। अगर यह घर से सम्पन्न व सक्षम निकलते हैं तो इनके विरुद्ध भी कार्रवाई होगी। आए दिन बस व ट्रेन में इस तरह के बालक व भिक्षु मिलते हैं।

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शासन की तरफ से आए अध्यादेश को पढ़कर जानकारी हासिल की जा रही है। अभी तक कोई रणनीति नहीं बनाई गई है। शासन के आदेश पर आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

-राजेश कुमार यादव, जिला समाज कल्याण अधिकारी।

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