फांसी पर चढ़ने से पहले भगत ¨सह ने पढ़ी थी लेनिन की जीवनी
आजमगढ़ : शहीदे आजम भगत ¨सह की जयंती पर गुरुवार को कलेक्ट्रेट स्थित नेहरू हाल में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी का विषय 'भगत ¨सह के सपनों का लोकतंत्र व आज का समय' पर विभिन्न संगठनों के वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए।
आजमगढ़ : शहीदे आजम भगत ¨सह की जयंती पर गुरुवार को कलेक्ट्रेट स्थित नेहरू हाल में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी का विषय 'भगत ¨सह के सपनों का लोकतंत्र व आज का समय' पर विभिन्न संगठनों के वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए। जयप्रकाश नारायण ने कहा कि भगत ¨सह ने फांसी के तख्ते पर चढ़ने से पहले लेनिन की जीवनी पढ़ी थी लेकिन वह किताब बीच में ही छोड़कर फांसी पर चले गए थे। अगर आज भगत ¨सह की विरासत को आगे बढ़ाना है तो उन्होंने पन्ने को जहां छोड़ा था वहीं से खोलना होगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार लोकतंत्र की सारी संस्थाओं का खात्मा करने की काम कर रही है। अभिव्यक्ति, असहमति के सभी स्वरों पर दमन कर रही है, बुद्धिजीवियों को नजरबंद किया जा रहा है। ऐसे में भगत ¨सह का जीवन और विचार हमारे लिए एक पथ प्रदर्शक बना रहेगा। कन्हैया लाल यादव ने कहा कि भगत ¨सह के विचारों के साथ हम शोषण विहीन समतामूलक समाज और राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं। इस मौके पर रामकरन, दुखरन, प्रदीप, राजेश, राहुल, पंकज, डा. राजाराम, र¨वद्रनाथ श्रीवास्तव आदि मौजूद थे।