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मच्छर मारने पर लाखों खर्च, समस्या जस की तस

जासं आजमगढ़ शहर में मच्छरों का आतंक बढ़ गया है। उधर नगर पालिका की ओर से लगातार फॉगिग कराए जाने का दावा किया जा रहा। जबकि जमीन हकीकत इससे इतर है। शहर के कुछ मोहल्लों को छोड़ दिया जाए तो कहीं पर भी फॉगिग नहीं होती। वहीं विभाग फॉगिग पर पिछले 15 दिनों में करीब 40 हजार रुपये खर्च कर चुका है। बावजूद इसके मच्छर से निजात नहीं मिल पा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 Nov 2019 06:59 PM (IST)Updated: Thu, 28 Nov 2019 06:59 PM (IST)
मच्छर मारने पर लाखों खर्च, समस्या जस की तस
मच्छर मारने पर लाखों खर्च, समस्या जस की तस

जासं, आजमगढ़ : शहर में मच्छरों का आतंक बढ़ गया है। उधर, नगर पालिका की ओर से लगातार फॉगिग कराए जाने का दावा किया जा रहा। पब्लिक भी मान रही है कि कुछ स्थानों पर हुआ है लेकिन इसकी संख्या बहुत कम है।

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शहर के कुछ मोहल्लों को छोड़ दिया जाए तो कहीं पर भी फॉगिग नहीं हो रही है। वहीं विभाग फॉगिग पर पिछले 15 दिनों में करीब 40 हजार रुपये खर्च कर चुका है। बावजूद इसके मच्छर से निजात नहीं मिल पा रहा है। नगर पालिका द्वारा अभी तक फागिग के नाम पर लाखों रुपए खर्च किए जा चुके है। लेकिन अधिकतर इलाकों में फॉगिग नहीं हो पा रही है। नगर पालिका के पास चार फागिग मशीन है जिसमे एक खराब पड़ा है। मात्र तीन मशीनों से पूरे शहर में फागिग की जाती है। नपा सफाई निरीक्षक केके यादव ने बताया कि एक मशीन में करीब 10 लीटर डीजल व दो लीटर पेट्रोल लगता है। इस हिसाब से तीन मशीन में कुल 30 लीटर डीजल व छह लीटर पेट्रोल लगता है। इन मशीनों से रोस्टरवार दो सिफ्टों में फागिग कराया जाता है। विभागीय आंकड़ों की माने तो पिछले 15 दिनों में विभाग फागिग में 40 हजार रुपये खर्च कर चुका है। बावजूद लोगों को मच्छर से निजात नहीं मिल पा रही है।


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