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बैंक मैनेजर व दलालों ने हड़प लिए लोन का 15 लाख

आजमगढ़ : मकान बनवाने को एक महिला ने अतरौलिया यूबीआइ शाखा में होम लोन के लिए आवेदन किय

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Sep 2018 11:51 PM (IST)Updated: Fri, 14 Sep 2018 11:51 PM (IST)
बैंक मैनेजर व दलालों ने हड़प लिए लोन का 15 लाख
बैंक मैनेजर व दलालों ने हड़प लिए लोन का 15 लाख

आजमगढ़ : मकान बनवाने को एक महिला ने अतरौलिया यूबीआइ शाखा में होम लोन के लिए आवेदन किया था। महिला का आरोप है कि बैंक मैनेजर व दलालों ने मिलकर लोन का पास हुए 15 लाख रुपये स्वयं हड़प लिये। जालसाजी की शिकार महिला ने बैंक के उच्चाधिकारियों तक गुहार लगाई। सुनवाई न होने पर उसने शुक्रवार को एसपी ग्रामीण से मिलकर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की मांग की।

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पीड़ित महिला अमृता देवी पत्नी प्रदीप मौर्य कप्तानगंज थाना क्षेत्र के टहर किशुनदेवपुर गांव की निवासी हैं। उनका कहना है कि अपनी भूमि पर मकान बनवाने के लिए अतरौलिया बाजार स्थित यूनियन बैंक आफ इंडिया की शाखा में होम लोन के तहत 15 लाख रुपये के लिए 10 फरवरी 2017 को आवेदन किया था। उक्त बैंक के तत्कालीन मैनेजर के साथ ही अहरौला थाना क्षेत्र के धनेज पांडेय गांव निवासी मुहम्मद असीम पुत्र अजीज, अतरौलिया थाना क्षेत्र के मुखलिसपुर गांव निवासी विप्लव उपाध्याय पुत्र राजेंद्र उपाध्याय समेत एक अन्य व्यक्ति ने मिलकर लोन पास कराने का आश्वासन दिया। उक्त आरोपितों के साथ बैंक मैनेजर ने मिलकर मकान बनवाने के लिए उसका 17 लाख रुपये का लोन स्वीकृत कर दिया। लोन पास करने से पूर्व ही बैंक मैनेजर व आरोपितों ने उससे कई प्रकार के फार्म देकर व सादे कागज पर भी फोटो लगवाकर उनके हस्ताक्षर करा लिये। कम पढ़ी-लिखी होने के कारण बगैर समझे ही उनके कहने पर कागजों पर हस्ताक्षर कर दिया। लोन पास होने के बाद बैंक मैनेजर व बैंककर्मियों ने खाता खोलने के बाद भी पासबुक नहीं दिया। बैंक मैनेजर उसे गुमराह करते रहे कि अभी लोन की प्रक्रिया चल रही है। कार्रवाई पूरी होने पर ही उसके खाता में रुपये जाएंगे। इस बीच उनकी जानकारी बगैर ही बैंक मैनेजर व उक्त दलालों ने मिलकर लोन के पास हुए 15 लाख रुपये उसके खाता से जालसाजी कर निकाल लिया। इस जालसाजी की जानकारी उसे व उसके परिजनों को तब हुई जब लोन के वसूली के लिए उनके पास तहसील से आरसी आई। जानकारी होने पर वह जब बैंक पता करने के लिए पहुंची तो बैंककर्मियों ने सारी बात बताई तो वह सन्न रह गई। तत्कालीन बैंक मैनेजर का भी काफी माह पूर्व ही स्थानांतरण हो गया। दलालों से जब संपर्क किया तो वे उसे जानमाल की धमकी दे रहे हैं। उसने इस संबंध में बैंक के उच्चाधिकारियों को भी अवगत कराया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। पीड़िता का कहना है कि घर व जमीन जायदाद बेचने के बाद भी वह इतनी बड़ी रकम जमा नहीं कर पाएगी।


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