काशी के फूलों से महका आजमगढ़ बाजार
आजमगढ़ : दीपावली पर फूल बाजार भी गुलजार रहा। बाजार में गेंदे की कई किस्में है। छोटे कत्थई और पीले फूल, हल्के पीले, गहरे पीले, ज्यादा पंखुड़ियों वाले नारंगी, कम पंखुड़ियों वाले नारंगी। गेंदे की किस्मों के अलावा गुलाब व अशोक के पत्तो की माला बाजार में खूब बिक रही है। बुधवार को पूरे दिन बाजार में गेंदे और गुलाब की विशेष मांग रही। ज्यादातर दुकानदारों ने अपने ठेले घुमाकर बाजार में गेंदे का फूल दुकान-दुकान बेचा।
आजमगढ़ : दीपावली पर फूल बाजार भी गुलजार रहा। बाजार में गेंदे की कई किस्में हैं। छोटे कत्थई और पीले फूल, हल्के पीले, गहरे पीले, ज्यादा पंखुड़ियों वाले नारंगी, कम पंखुड़ियों वाले नारंगी। गेंदे की किस्मों के अलावा गुलाब व अशोक के पत्तों की माला बाजार में खूब बिक रही हैं। बुधवार को पूरे दिन बाजार में गेंदे और गुलाब की विशेष मांग रही। ज्यादातर दुकानदारों ने अपने ठेले घुमाकर बाजार में गेंदे का फूल दुकान-दुकान बेचा।
दुकानों और शोरूम की सजावट में सबसे ज्यादा प्रयोग गेंदे का फूल होता है। इसलिए बुधवार को इसके दाम काफी तेज रहे। दुकानदारों ने 25 रुपये से लेकर 40 रुपये तक माला की बिक्री की। ग्राहकों की सहूलियत को भुनाने के लिए दुकानदारों ने खुला गेंदा का फूल रखने के साथ ही इसकी लड़े भी तैयार रखी। डेढ़ मीटर से कुछ अधिक लंबी एक लड़ की कीमत 40 रुपये रही। सुबह से ही रोडवेज, मुख्य चौक, बेलइसा, सिविल लाइंस, कालीचौरा व कोट मोहल्ला सहित आदि बाजारों में गेंदे के फूल के ठेले घूमते रहे। फूलों से बनाई रंगोली : फूल विक्रेता राजेश्वर निषाद ने बताया कि पहले की अपेक्षा फूलों के दाम घटे हैं, इसलिए लोग विभिन्न रंगों के फूलों, गुलाब और गुलाब की पंखुड़ियों, सफेद बसंतिया, जाफर व मुरती के फूलों को रंगोली बनाने के लिए भी ले रहे हैं। इस बार रंगीन बालू या रंगोली के रंगों की जगह लोग फूलों को तरजीह देने लगे हैं। काफी मात्रा में फूल मालाओं की खपत भी होने की उम्मीद है। इस उम्मीद से पिछले साल की तुलना में ज्यादा फूल मंगाए गए हैं। धूल उड़ने के डर से लोग रंगोली के लिए कृत्रिम रंगों की जगह प्राकृतिक फूलों का प्रयोग ज्यादा करने लगे हैं।