Move to Jagran APP

जिले को मिला साढ़े सात टन एलएमओ, मरीजों को संजीवनी

आक्सीजन प्लांट में उत्पादन ठप होने की गूंज शासन तक पहुंची तो अफ

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Apr 2021 09:27 PM (IST)Updated: Fri, 23 Apr 2021 09:27 PM (IST)
जिले को मिला साढ़े सात टन एलएमओ, मरीजों को संजीवनी
जिले को मिला साढ़े सात टन एलएमओ, मरीजों को संजीवनी

जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : आक्सीजन प्लांट में उत्पादन ठप होने की गूंज शासन तक पहुंची तो अफसरों को 'आक्सीजन' की जरूरत महसूस होने लगी। मामला जनता की जिदगी से जुड़ा होने के कारण हुक्मरानों ने जोर लगाया तो आक्सीजन प्लांट में रिफिलिग को साढ़े सात टन लिक्विड मेडिकल आक्सीजन पहुंच पाई। जबकि वार्ता नौ टन लिक्विट उपलब्ध कराने की थी। बहरहाल, डूबते को तिनके का सहारा ही काफी था। जिले के कोविड-नन कोविड अस्पतालों को उनकी डिमांड के सापेक्ष थोड़ा कम सही, लेकिन जरूरतें पूरी करने की कोशिश की गई। मसलन, 15 से 20 सिलिडर एक-एक अस्पताल को उपलब्ध कराए गए।

loksabha election banner

शहर के एकरामपुर स्थित आक्सीजन प्लांट में गुरुवार की शाम को उत्पादन ठप हो गया था। इसकी भनक लगते ही सरकारी मशीनरी की नींद उड़ गई थी। प्रशासन के सामने मुश्किल राजकीय मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीजों को बचाने की थी। ऐसे में निजी कोविड एव नन-कोविड अस्पतालों की आपूर्ति में कटौती कर दी गई। उसके बाद हाहाकार की नौबत आई तो खबर मीडिया में भी सुर्खियां बनीं। इसका असर रहा कि जिला प्रशासन ने जोर आजमाइश की तो वाराणसी से नौ टन लिक्विड मेडकल आक्सीजन के आपूर्ति पर सहमति बन गई। लेकिन आपूर्ति पहुंची तो साढ़े सात टन ही लिक्विड निकली। बहरहाल, आक्सीजन प्लांट का पहिया डोला तो सैकड़ों जानों को संजीवनी मिल गई। करीब नौ सौ सिलिडर तैयार हुए, जिसमें जिला प्रशासन ने निजी कोविड, नन-कोविड अस्पतालों को दिया गया। एकरामपुर स्थित प्लांट के मालिक अतुल सिंह ने बताया कि मुझे एलएमओ की सप्लाई जिलाधिकारी के प्रयासों से मिली है। मैने लखनऊ के जरिए अपनी जरूरतें दर्शाते हुए भी एलएमओ की डिमांड भेजी है, जिसके मिलने की दुश्वारियां थोड़ी कम होंगी।

-------------------

आक्सीजन एक्सप्रेस से उम्मीद

जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : जिले को रेलमंत्री की आक्सीजन एक्सप्रेस से भी उम्मीदें हैं। बोकारो से एलएमओ की गाड़ियां पहुंचने में 20 घंटे तक लग जाते हैं। ट्रैफिक होने पर यह समय बढ़ भी जाता है, जबकि आक्सीजन एक्सप्रेस के जरिये पांच से छह घंटे में आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकती है। हालांकि परेशानियां रेलवे के सामने भी हैं। ऐसी मालगाड़ी चाहिए, जिस पर टैंकर लदने के बाद ओएचई (ओवर हेड वायर) से दूर रहे।

--------------------

जल्द सामान्य होंगे हालात : मनुशंकर

जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : असिस्टेंट कमिश्नर ड्रग मनुशंकर ने बताया कि अकेले आजमगढ़ में निजी और सरकारी मिलाकर रोजाना दो हजार आक्सीजन सिलिडर की जरूरत है। इसमें से 1100 सिलिडर प्रतिदिन राजकीय मेडिकल कालेज चक्रपानपुर को दिया जा रहा है। वहां आक्सीजन की आपूर्ति मऊ जिले से की जा रही है। चूंकि मऊ के प्लांट की क्षमता मात्र 650 सिलिडर देने की है, ऐसे में मुश्किलें गहरा गईं हैं। आज उच्चाधिकारियों के प्रयास से स्थिति नार्मल हुई है, एक दो दिनों में सबकुछ पटरी पर होगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.