अवैध वसूली को लेकर आटो चालकों का प्रदर्शन
आजमगढ़ : आटो चालक सेवा समिति के बैनर तले सैकड़ों ऑटो रिक्शा चालकों ने सोमवार को हड़ताल कर रेलवे स्टेशन से रैली निकाली और जिला मुख्यालय स्थित मेहता पार्क में पहुंचे। आटो चालकों ने फिटनेस के नाम पर अवैधे वसूली करने का आरोप लगाते हुए विरोध-प्रदर्शन किया। इसके बाद आटो चालकों ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, परिवहन मंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंप आवश्यक कार्रवाई करने की मांग की। साथ ही मांग पूरी न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी।
आजमगढ़ : आटो चालक सेवा समिति के बैनर तले सैकड़ों ऑटो रिक्शा चालकों ने सोमवार को रेलवे स्टेशन से रैली निकाली और जिला मुख्यालय स्थित मेहता पार्क में पहुंचे। यहां फिटनेस के नाम पर अवैध वसूली का आरोप लगाते हुए विरोध-प्रदर्शन किया। इसके बाद प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, परिवहन मंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा और कार्रवाई करने की मांग की। मांगें पूरी न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी।
आटो चालक सेवा समिति के अध्यक्ष लक्ष्मी प्रसाद गुप्ता ने कहा कि आटो रिक्शा चालकों का शोषण हो रहा है। नए आटो रिक्शा की भांति पुराने आटो रिक्शा का भी परमिट केवल 10 वर्ष का ही बनाया जा रहा है। इतना ही नहीं उनको अपनी गाड़ियों को खड़ाकर सवारी उठाने का कोई निश्चित स्थान नहीं है। इस अवसर पर महामंत्री घनश्याम पाठक, प्रदेश अध्यक्ष कृपाशंकर पाठक, वीरेंद्र यादव, हलधर दुबे व शाहिद अहमद सहित आदि उपस्थित थे। आमजन को हुई दिक्कतें
ऑटो रिक्शा चालकों की हड़ताल से सोमवार को आमजन को काफी दिक्कतें झेलनी पड़ीं। शहर में ऑटो रिक्शा का संचालन पूरी तरह ठप रहा, जिसके चलते स्कूल, ऑफिस, धर्म-कर्म एवं व्यापार के सिलसिले में आने-जाने वाले लोगों को मुश्किलें उठानी पड़ीं। रेलवे स्टेशन, रोडवेज, कचहरी, सिविल लाइन, तकिया, चौक व हर्रा की चुंगी आदि स्थानों पर लोगों को साधन के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा। यदि कोई ऑटो रिक्शा दिखाई पड़ता तो गंतव्य तक जाने के लिए मारामारी की स्थिति नजर आई। इस दौरान हड़ताली ऑटो चालकों के आक्रोश का भी लोगों को सामना करना पड़ा। ..और जब मरीज को उतार दिया नीचे
ऑटो रिक्शा चालकों की हड़ताल से मरीजों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा। रानी की सराय थाना क्षेत्र की रहने वाली विनीता बुखार से पीड़ित थी। बार-बार वह बेहोश हो जा रही थी। वह अपने मां के साथ आटो में सवार होकर अस्पताल जा रही थी। तभी यूनियन के कुछ सदस्यों ने उसे ऑटो से नीचे उतार दिया। यह देख वहां भीड़ जुट गई। इसके बाद प्रबुद्धजनों ने उसे आटो में बैठवाकर तत्काल अस्पताल पहुंचाया। यूनियन वालों ने जबरदस्ती रोकवाया
ऑटो रिक्शा की हड़ताल में जो लोग शामिल नहीं थे। उन्हें यूनियन के सदस्यों ने जगह-जगह जबरदस्ती रोक दिया। रेलवे स्टेशन, रोडवेज, हर्रा की चुंगी, तकिया, हरिबंशपुर व नरौली में देखने को मिला की ऑटो में बैठे सवारियों तक को उतार दिया गया। हड़ताल में शामिल नहीं होने वाले ऑटो चालकों को डराया-धमकाया भी गया। यात्रियों के विरोध के बावजूद यूनियन सदस्य नहीं माने।