हर-हर महादेव का उद्घोष और भोले का जयकारा
जागरण संवाददाता आजमगढ़ सूर्योदय के साथ हर कदम बढ़ चले थे शिवालयों की ओर। घंटों की टन-टन की आवाज के बीच बोलो भोलेनाथ का जयकारा और हर-हर महादेव का उद्घोष शुरू हो गया था। हर हाथ में शिव का प्रिय प्रसाद भांग धतुरा बेलपत्र रखी डलिया और शुद्ध जल से भरा तांबे का लोटा। कोई पैदल तो कोई ऑटो पर सवार होकर निकल पड़ा था बाबा को मनाने के लिए। एक ही धुन थी कि जल्दी से जल्दी पहुंच जाएं बाबा के दरबार वरना भीड़ ज्यादा हो जाएगी।
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : सूर्योदय के साथ हर कदम बढ़ चले थे शिवालयों की ओर। घंटों की टन-टन की आवाज के बीच बोलो भोलेनाथ का जयकारा और हर-हर महादेव का उद्घोष शुरू हो गया था। हर हाथ में शिव का प्रिय प्रसाद भांग, धतुरा, बेलपत्र रखी डलिया और शुद्ध जल से भरा तांबे का लोटा। कोई पैदल तो कोई ऑटो पर सवार होकर निकल पड़ा था बाबा को मनाने। एक ही धुन थी कि जल्दी से जल्दी पहुंच जाएं बाबा के दरबार वरना भीड़ ज्यादा हो जाएगी।
मौका था महाशिवरात्रि का, जिसे हर किसी ने श्रद्धा के साथ मनाया और भगवान शिव की पूजा-अर्चना और व्रत रखकर परिवार के सुख-समृद्धि की कामना की। उधर इस पर्व पर लग रहा था कि देवराज भगवान इंद्र भी जलाभिषेक के लिए उतर आए हों। सुबह हल्की बारिश के साथ दिन भर आसमान में बादल छाए रहे और रुक-रुककर बूंदाबांदी होती रही।
सर्वाधिक भीड़ नगर के पश्चिमी छोर पर स्थित बाबा भंवरनाथ मंदिर में दिखी। यहां भोर से ही श्रद्धालुओं के पहुंचने का क्रम शुरू हो गया था। भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे। मंदिर के बाहर भांग, धतुरा, बेलपत्र बेचने वालों ने अपनी दुकानें लगा रखी थीं तो दूसरी ओर मंदिर परिसर के बाहर तरह-तरह की दुकानें सजीं थीं। बाबा के दर्शन के बाद छोटे बच्चे जहां जलेबी, पकौड़ी के साथ खिलौने-गुब्बारे की खरीदारी कर रहे थे वहीं सौंदर्य प्रसाधन की दुकानों पर महिलाओं की भीड़ देखी गई।
इसके अलावा शहर में मातवरगंज तिराहा, पुरानी कोतवाली पार्क, मुकेरीगंज, बउरहवा बाबा, कटरा, बिट्ठलघाट आदि शिव मंदिरों में भी भीड़-भाड़ रही। चारों तरफ भगवान शिव का जयकारा गूंजता रहा।