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..तो पिता मुलायम की विरासत संभालेंगे अखिलेश

आजमगढ़ केंद्र व राज्य की सियासत में चर्चित संसदीय सीट आजमगढ़ (सदर) आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर एक बार पुन सुर्खियों में है। देश व प्रदेश स्तर पर बदलते राजनीतिक परि²श्य के बाद सदर सीट पर बसपा से हुए गठबंधन में सपा के हिस्से में आई है। अब जब सपा संरक्षक व सांसद मुलायम सिंह यादव इस बार का चुनाव मैनपुरी से लड़ रहे हैं तो आखिर कौन होगा हाईफाई प्रोफाइल प्रत्याशी पर कुछ हद तक विराम लगता दिख रहा है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को एक टीवी चैनल पर आजमगढ़ से चुनाव लड़ने के संकेत दिए। इससे सपा का कौन होगा प्रत्याशी पर विरात लगता दिख रहा है।बहरहाल यह तो सपा की अगली जारी होने वाली सूची से ही पता चलेगा लेकिन अखिलेश यादव द्वारा दिए गए बयान के बाद समाजवादी पार्टी पूरी तरह से उत्साहित है।उधर जिले के सियासी गलियारे में इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि पिता की विरासत अब बेटा संभालेगा।

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Mar 2019 11:40 PM (IST)Updated: Sun, 17 Mar 2019 11:42 PM (IST)
..तो पिता मुलायम की विरासत संभालेंगे अखिलेश
..तो पिता मुलायम की विरासत संभालेंगे अखिलेश

जागरण संवाददाता, आजमगढ़: सियासत में चर्चित संसदीय सीट आजमगढ़ (सदर) आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर एक बार पुन: सुर्खियों में है। देश व प्रदेश स्तर पर बदलते राजनीतिक परि²श्य के बाद सदर सीट पर बसपा से हुए गठबंधन में सपा के हिस्से में आई है। अब जब सपा संरक्षक व सांसद मुलायम सिंह यादव इस बार का चुनाव मैनपुरी से लड़ रहे हैं तो आखिर कौन होगा प्रत्याशी, कुछ हद तक इस पर विराम लगता दिख रहा है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को एक टीवी चैनल पर आजमगढ़ से चुनाव लड़ने के संकेत दिए। इससे सपा का कौन होगा प्रत्याशी, पर विराम लगता दिख रहा है। बहरहाल यह तो सपा की अगली जारी होने वाली सूची से ही पता चलेगा लेकिन अखिलेश यादव द्वारा दिए गए बयान के बाद समाजवादी पार्टी पूरी तरह से उत्साहित है। उधर, जिले के सियासी गलियारे में इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि पिता की विरासत अब बेटा संभालेगा।

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2014 के आम चुनाव में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव मैनपुरी व आजमगढ़ सीट से सांसद चुने गए थे। उन्होंने सपा के गढ़ आजमगढ़ को दिल की धड़कन बताते हुए तरजीह दी और मैनपुरी सीट से इस्तीफा दे दिया। हालांकि लगभग 63 हजार मतों के अंतर से हुई अपनी जीत से वे खुश नहीं दिखे। कई बार उनका यह दर्द अखबारों की सुर्खियां बनी थीं। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश कुमार यादव ने एक टीवी चैनल पर दिए गए बयान में वाराणसी के बजाय आजमगढ़ को समाजवादी गढ़ बताते हुए जोर देकर कहा कि वहां के लोग काफी दिनों से मांग कर रहे हैं। यदि पार्टी इकाई और जनता चाहेगी तो जरूर चुनाव लड़ूंगा, क्योंकि आजमगढ़ ही तो समाजवादियों का दूसरा गढ़ है।

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वर्जन--जिलाध्यक्ष सपा

फोटो--33-सी.

''पार्टी इकाई ने बहुत पहले ही राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के आजमगढ़ से चुनाव लड़ने का प्रस्ताव भेज दिया था, क्योंकि जिले की जनता और पार्टी नेताओं, पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं की यह इच्छा थी। नेता जी (मुलायम सिंह यादव) के कार्यकाल में जो विकास हुआ, उससे और विकास की गति को आगे बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष का यहां से चुनाव लड़ना समय की मांग है। उनके इस बयान के बाद निश्चित तौर पर पार्टी कार्यकर्ता ही नहीं जिले की पूरी जनता खुश है।

-हवलदार यादव, जिलाध्यक्ष, समाजवादी पार्टी।


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