Move to Jagran APP

घर में रखे पुराने मटके व प्लेट पर ब्लैक पाटरी की साज

विश्व प्रसिद्ध निजामाबाद की ब्लैक पॉटरी अब किसी परिचय की मोहताज नहीं रह गई है। हस्तशिल्पियों के उत्पाद अब तक डाइनिग हाल की शोभा बढ़ा रहे थे लेकिन अब आभूषण के बाद घर में निष्प्रयोज्य हो चुके प्लेट और मटके पर भी दिखेगी। आम जन तक को इस विधा से रू-ब-रू कराने के लिए ऐसे प्रोजेक्ट को तैयार कर रही हैं नगर के रैदोपुर निवासी क्राफ्ट डिजाइनर पारुल अग्रवाल।

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Oct 2019 08:00 PM (IST)Updated: Thu, 17 Oct 2019 08:00 PM (IST)
घर में रखे पुराने मटके व प्लेट पर ब्लैक पाटरी की साज
घर में रखे पुराने मटके व प्लेट पर ब्लैक पाटरी की साज

अनिल मिश्र, आजमगढ़

loksabha election banner

......

विश्व प्रसिद्ध निजामाबाद की ब्लैक पॉटरी किसी परिचय की मोहताज नहीं रह गई है। हस्तशिल्पियों के उत्पाद अब तक डाइनिग हाल की शोभा बढ़ा रहे थे लेकिन अब आभूषण के बाद घर में निष्प्रयोज्य हो चुके प्लेट और मटके पर भी दिखेगी। आम जन तक को इस विधा से रू-ब-रू कराने के लिए ऐसे प्रोजेक्ट को तैयार कर रही हैं नगर के रैदोपुर निवासी क्राफ्ट डिजाइनर पारुल अग्रवाल।

पारुल अग्रवाल को भारतीय शिल्प संस्थान (आइआइसीडी) जयपुर से क्राफ्ट डिजाइनिग में डिप्लोमा करने के बाद इंडिया स्टोरी कोलकाता में दिसंबर 2018 को आयोजित क्राफ्ट मेले में प्रतिभाग करने का अवसर मिला था। वहां महिलाओं के हाथ के रिग, कान की बाली व गले के हार में ब्लैक पॉटरी उत्पाद को कैसे पिरोया जा सकता है, इसको दर्शाया। प्रोत्साहन मिलने के बाद काबिश (तरल काली मिट्टी) नाम से ज्वेलरी की ब्रांड लांच किया। ब्लैक पॉटरी के छोटे से मटके को शामिल करने के बाद एक अलग तरह की डिजाइन वाले आभूषण की पहचान बनते देर नहीं लगी। यही कारण रहा कि 31 जनवरी को जीओ गार्डन मुंबई में आयोजित लक्मे फैशन वीक में चयन कर लिया गया। सोने के आभूषण में ब्लैक पॉटरी को शामिल कर एक अलग पहचान दिलाने के बाद पुरानी प्लेट और मटके का प्रयोग किया जाएगा लेकिन उसका बेस होगा ब्लैक पॉटरी। इसे लैंप के रूप में प्रयोग कर शहर के रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन सहित जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के सार्वजनिक स्थानों पर डिस्प्ले लगाया जाएगा, जिससे बाहर से आने-जाने वाला हर कोई ब्लैक पॉटरी की खासियत से परिचित हो सके।

.........

वर्जन--पारुल अग्रवाल

फोटो--30-सी.।

'' सोना व चांदी के ज्वेलरी में ब्लैक पॉटरी के बने छोटे मटके का प्रयोग कर पहचान दिलाने का प्रयास किया। उसके बाद मुगल सल्तनत के इतिहास की पृष्ठभूमि को शामिल करते हुए पुरुषों के कोट व शर्ट के लिए चांदी की बटन व अन्य आभूषणों में उसे शामिल करने के अलावा पुराने प्लेट व मटके का प्रयोग किया जाएगा। चूंकि ब्लैक पॉटरी अपने जिले की खास पहचान है। इसलिए इसे और अधिक मुकाम देने के लिए नई-नई डिजाइनिग करती रहूंगी।

--पारुल अग्रवाल, क्राफ्ट डिजाइनर।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.