कड़ी सुरक्षा में पेश किए गए अफगानी युवक व मददगार
विदेशी युवकों के फर्जी पासपोर्ट बनाने के मामले में वाराणसी जेल में निरुद्ध अफगानी युवक व उसके मददगार सोमवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आलोक कुमार की अदालत में उपस्थित हुए।
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : फर्जी पासपोर्ट मामले में वाराणसी जेल में निरुद्ध अफगानी युवक व उसके मददगार को पुलिस ने सोमवार को कड़ी सुरक्षा में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट आलोक कुमार की अदालत में पेश किया। उसके प्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्र को सुनवाई के बाद कोर्ट ने खारिज कर दिया। विवेचक की ओर से रिमांड के लिए दी गई अर्जी को स्वीकार करते हुए बयान की अनुमति दी। मामले की अगली सुनवाई के लिए दो मार्च की तिथि निर्धारित की गई है।
अफगानिस्तान के सलाम खेर शहर निवासी इबादतउल्ला उर्फ आबिद को वाराणसी पुलिस ने एक फरवरी को गिरफ्तार किया था। उसकी निशानदेही पर कोलकाता में छिपे दूसरे अफगानी युवक करमतुल्ला को जिले की पुलिस ने दो फरवरी को पकड़ा। गिरफ्तार अफगानी युवकों में करमतुल्ला ने फूलपुर क्षेत्र के चमराडीह गांव के पते व फर्जी दस्तावेज के आधार पर पासपोर्ट बनवा लिया था, जबकि इबादतउल्ला उर्फ आबिद की भी पासपोर्ट आवेदन की पत्रावली जांच पूरी कर पासपोर्ट कार्यालय जिले से भेज दी गई थी। अफगानी युवकों के पासपोर्ट मामले की जानकारी जब उजागर हुई तो पुलिस अधिकारियों के होश उड़ गए थे। दोनों अफगानी युवकों का पासपोर्ट बनवाने में मुख्य भूमिका निभाने वाले उनके मददगार साहबे आलम पुत्र फैजान निवासी ग्राम चमराडीह, थाना फूलपुर को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। करमतुल्ला तभी से आजमगढ़ तो दूसरा अफगानी युवक इबादतउल्ला उर्फ आबिद अब्दुल्ला और साहबे आलम वाराणसी जेल में निरुद्ध हैं।
वाराणसी जेल में निरुद्ध दोनों आरोपितों को रिमांड पर लेने लिए विवेचक व फूलपुर कोतवाली के सब इंस्पेक्टर कमलाशंकर गिरी ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में प्रार्थना पत्र दिया था जिस पर कोर्ट ने दोनों को तलब किया था। वाराणसी पुलिस ने दोनों आरोपित को सोमवार को आजमगढ़ कोर्ट में पेश किया जहां साहबे आलम की ओर से उसके अधिवक्ता ने जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया। कोर्ट ने साहबे आलम की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया। वहीं आरोपित अफगानी युवक व साहबे आलम का बयान लेने के लिए विवेचक को अनुमति प्रदान कर दी। कोर्ट से चौदह दिन का न्यायिक रिमांड मिलने के बाद दोनों को वाराणसी जेल भेज दिया गया। अगली सुनवाई के लिए दो मार्च की तिथि निर्धारित की गई है।