आसमान से टपका, खजूर पर अटका
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : आसमान से टपका-खजूर पर अटका जैसी कहावत वर्तमान समय में खाद्य सुर
जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : आसमान से टपका-खजूर पर अटका जैसी कहावत वर्तमान समय में खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 के तहत राशन कार्ड उपभोक्ताओं पर सटीक बैठ रही है। इस योजना के लागू हुए चार साल बीत जाने के बावजूद अभी तक उपभोक्ताओं को राशन कार्ड नसीब नहीं हो सका। अलबत्ता जिला मुख्यालय व तहसील मुख्यालय का लोग चक्कर काट रहे हैं। करीब दस-दस बार लोगों ने ऑनलाइन आवेदन कराने के लिए धन दिया। इसके बावजूद अभी तक राशन कार्ड नहीं मिला। कुछ अन्त्यादेय कार्ड धारकों को सपा सरकार में राशन कार्ड मिला तो उसे भाजपा सरकार ने निरस्त कर दिया। इसकी वजह से उपभोक्ताओं की हालत बद से बदतर होती जा रही है।
जनपद में करीब साढ़े छह लाख के करीब पात्र गृहस्थी का राशनकार्ड ऑनलाइन फीड कर दिया गया था। इसी प्रकार एक लाख पांच हजार राशन कार्ड अन्त्योदय कार्डधारकों का भी फीड हो चुका है। तत्कालीन सपा सरकार ने विधानसभा चुनाव से पूर्व बकायदा सफेद व गुलाबी कलर में राशन कार्ड भी छपवा दिया। अन्त्योदय कार्डधारकों को शिविर लगाकर इसे देने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। जनपद की आठों तहसीलों में पात्र गृहस्थी का भी राशन कार्ड कुछ लोगों वितरित कर दिया गया था। उपभोक्ता मान कर चल रहे थे कि उनकी परेशानी का अब निदान हो गया है लेकिन भाजपा की सरकार बनते ही सभी राशन कार्ड को निरस्त कर दिया गया। यही नहीं ऑनलाइन राशनकार्डों की सूची भी डिलीट की जा रही है। फिर से नए सिरे से सत्यापन किया जा रहा है। सत्यापन के दौरान पात्र व अपात्रों दोनों का नाम लिखा जा रहा है। यह भी दर्शाया जा रहा है कि किन कारणों से अपात्र घोषित किए गए हैं। ऐसे में अब किसी की धांधली नहीं चल पाएगी। रजिस्टर पर दर्ज पात्रों का नाम ही ऑनलाइन किया जा रहा है। इसे लेकर उहापोह की स्थिति है। जिला मुख्यालय पर भी प्रतिदिन उपभोक्ता दौड़ लगा रहे हैं। सभी उपभोक्ताओं को एक तरह का बना दिया गया है। ऐसे में उनके मुंह से बरबस निकल रहा है कि आसमान से टपका तो खजूर पर आकर अटका।
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रजिस्टर दर्ज पात्रों का नाम युद्धस्तर पर ऑनलाइन किया जा रहा है। इसके लिए सभी तहसीलों पर सत्यापन के साथ डाटा फी¨डग व डिलीट करने का कार्य किया जा रहा है। जल्द ही यह कार्य पूरा कर लिया जाएगा। प्रदेश में जनपद की स्थिति को उन्होंने दुरुस्त कर दिया है।
देवमणि त्रिपाठी : जिला पूíत अधिकारी।