अच्छी पुत्री दो कुलों को करती है पवित्र
-धर्म-कर्म -अंतरराष्ट्रीय संत बालयोगी संजय महाराज ने सीता चरित्र का किया वर्णन -कहा स्वस्थ
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-अंतरराष्ट्रीय संत बालयोगी संजय महाराज ने सीता चरित्र का किया वर्णन
-कहा, स्वस्थ और सभ्य समाज के लिए महिलाओं का शिक्षित होना जरूरी
जागरण संवाददाता, आजमगढ़: अंतरराष्ट्रीय संत बालयोगी संजय महाराज ने वेदांता इंटरनेशनल स्कूल में रविवार को शिवपुराण कथा में सीता जी के चरित्र का वर्णन किया। कहाकि यदि पुत्र अच्छा होता हैं तो एक कुल को बढ़ाता है और यदि पुत्री अच्छा होती हैं तो वह दो कुलों को पवित्र करती हैं। उन्होंने महिलाओं की शिक्षा और उनके योगदान को परिवार व समाज में बताया। कहाकि नारी घर पर प्रथम शिक्षक होती हैं, जो बच्चे के अंदर एक स्वस्थ और सभ्य समाज के बारे में सिखाती है। इसलिए महिलाओं का शिक्षित होना अति आवश्यक है, जिससे परिवार और समाज दोनों शिक्षित और संस्कारित हो सके।
उन्होंने स्वर्ग की परिकल्पना के बारे में बताया कि माता-पिता के पैरों की धूल अपने माथे पर लगाकर देखें कि इसकी सुगंध तुलसी, चंदन, शीतलज आदि से भी ज्यादा महत्वपूर्ण हैं, यही वास्तव में स्वर्ग हैं। अंत में महाराज ने उपस्थित लोगों को आशीर्वाद स्वरूप प्रसाद वितरित किया। संस्था प्रबंध निदेशक शिव गोविन्द सिंह ने अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया। अरविद कुमार सिंह, बृजेंद्र पांडेय, डा. सुरेंद्र चौबे, अखिलेश सिंह, अजीत सिंह, बेबी सिंह, शारदा सिंह थीें।