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17 दिनों में 806 बेसहारा पशुओं को मिला आसरा

-गोवंश संरक्षण अभियान -43 अस्थाई व स्थाई गोवंश आश्रय स्थलों में किया गया संरक्षित -145 बेसहार

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Jan 2022 07:17 PM (IST)Updated: Thu, 20 Jan 2022 07:17 PM (IST)
17 दिनों में 806 बेसहारा पशुओं को मिला आसरा
17 दिनों में 806 बेसहारा पशुओं को मिला आसरा

-गोवंश संरक्षण अभियान::

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-43 अस्थाई व स्थाई गोवंश आश्रय स्थलों में किया गया संरक्षित

-145 बेसहारा पशुओं को लाभार्थियों को किया गया सुपुर्द

-ठंड से बचाने को बोरा से ढकने का तेजी से हो रहा कार्य

जागरण संवाददाता, आजमगढ़: मुख्य सचिव ने निर्देशित किया था कि अभी भी बेसहारा पशु विचरण करते हुए किसानों के खेतों तक पहुंचकर उनकी फसलों को क्षति पहुंचा रहे हैं। निर्देश के अनुपालन में एक जनवरी से 17 जनवरी तक 17 दिवसीय गोवंश संरक्षण विशेष अभियान चलाया गया। जिसमें विभिन्न ग्राम पंचायतों और नगर निकायों में खुले में घूम रहे, खेतों में घूम रहे, सड़कों पर घूम रहे 806 बेसहारा पशुओं को 43 अस्थाई व स्थाई गोवंश आश्रय स्थलों में संरक्षित किया गया है। साथ ही पूरे जिले में अभियान चलाकर गो-आश्रय स्थलों में संरक्षित पशुओं को ठंड से बचाने के लिए बोरा से ढकने का कार्य किया जा रहा है।

सीवीओ डा. वीरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि सहभागिता के अंतर्गत अभियान के दौरान कुल 145 बेसहारा पशुओं को लाभार्थियों को सुपुर्द कर दिया गया है। जिनके भरण पोषण के लिए शासन से निर्धारित 30 रुपये प्रति पशु प्रतिदिन की दर से लाभार्थियों को नियमित रूप से उपलब्ध कराया जा रहा है। अब तक लगभग 1600 ग्राम पंचायतें आठ आठ नगर पंचायतें एवं 2 नगर पालिकाएं बेसहारा गोवंश घोषित की जा चुकी हैं। उन्होंने अपने-अपने जनपदवासियों से कहाकि कि पशुओं को खुले में न छोड़ें। यदि कहीं ग्राम पंचायत या नगर निकाय में बेसराहा पशु घूमता हुए दिखाई पड़ें तो उसकी सूचना मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी के व्यक्तिगत मो.नं. 9450616986 पर सूचना देकर संरक्षित करवाने में अपना सहयोग प्रदान करें, जिससे किसानों के फसल के नुकसान को रोका जा सके और सड़कों व रास्तों में होने वाली दुर्घटनाओं से निजात पाई जा सके।


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