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अगलगी में 3.68 करोड़ का नुकसान, निबटने का नहीं इंतजाम

आजमगढ़ पिछले वर्ष अगलगी की घटनाओं में कुल 3.6

By JagranEdited By: Published: Tue, 16 Apr 2019 04:48 PM (IST)Updated: Tue, 16 Apr 2019 04:48 PM (IST)
अगलगी में 3.68 करोड़ का नुकसान, निबटने का नहीं इंतजाम
अगलगी में 3.68 करोड़ का नुकसान, निबटने का नहीं इंतजाम

जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : पिछले वर्ष अगलगी की घटनाओं में कुल 3.68 करोड़ की क्षति हुई थी। देवारा क्षेत्र में अगलगी की घटना में कई पुरवे आग के हवाले हो गए थे। इसमें एक व्यक्ति की झुलसकर जहां मौत हो गई थी वहीं दर्जनों मवेशी भी काल के गाल के समा गए थे। बावजूद अभी तक प्रशासन की तरफ से आग से निबटने के कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं। अब तक केवल कागजों में आग से निबटने की कवायद की जाती रही है लेकिन संसाधन के नाम पर कुछ भी नहीं दिख रहा है। अब तक सैकड़ों बीघा गेहूं की फसल जलकर खेत में ही खाक हो गई है।

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इस वर्ष अग्निकांड की शुरुआत शहर से हुई है। इस भीषण अग्निकांड में चौदह लोगों को जान से हाथ जहां धोना पड़ा। अभी भी तीन लोग जीवन व मौत से संघर्ष कर रहे हैं। इसमें व्यापक जन-धन की हानि हुई है। इसके अलावा एक अप्रैल के बाद से छिटपुट अगलगी की घटनाएं शुरू हो गई है। जैसे-जैसे गर्मी का पारा चढता जा रहा है, वैसे आग विकराल रूप धारण करती जा रही है। पिछले एक पखवारे पर नजर डाली जाए तो करीब 300 बीघा गेहूं की फसल आग की भेंट चढ़ गई है। हर दिन अगलगी की घटनाएं हो रही हैं। ऐसे में बचाव के कोई संसाधन उपलब्ध नहीं है। हालांकि अभी देवारा क्षेत्र में अगलगी की घटना की शुरुआत नहीं हुई है लेकिन अगर आग लगी तो कई-कई पुरवे तबाह हो जाते हैं। इससे जनधन की भारी क्षति होती है।

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यह है आग से निबटने के संसाधन

अग्निशमन केंद्र ब्रह्मस्थान पर तीन बड़ी गाड़ियां हैं। इसके अलावा बूढ़नपुर, लालगंज व महराजगंज में सब अग्निशमन केंद्र पर भी एक-एक बड़ी गाड़ियां हैं। इसके अलावा चारों उपकेंद्रों पर एक-एक पोर्टेबल पंप हैं। इतने कम संसाधन में किस तरह से अपने जनपद की आग की घटनाओं को रोका जा सकता है।

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अगलगी की घटनाओं को हर स्तर पर रोकने का प्रयास किया जा रहा है। संसाधन कम होने की वजह हर जगह पहुंचना मुश्किल हो जाता है। गर्मी में हर जगह आग लग जाती है। ऐसे में सीमित संसाधनों से आग पर रोकने की कोशिश की जा रही है। - सतेंद्र पांडेय, मुख्य अग्निशमन अधिकारी।


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