जिला सहकारी बैंक में 1.45 करोड़ का गोलमाल
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जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : जिला सहकारी बैंक के तत्कालीन सचिव एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी जगदीश चंद्रा के खिलाफ कथित 1.45 करोड़ रुपये की हेराफेरी की जांच शुरू हो गई है। डीएम नागेंद्र प्रसाद सिंह के निर्देश पर नामित जांच अधिकारी सहायक निबंधक एवं सहाकारी समितियां रामकिकर द्विवेदी ने शुक्रवार को बैंक के उप महाप्रबंधक और वर्तमान में प्रभारी सचिव एवं मुख्य कार्यापालक अधिकारी विजय बहादुर राव से कई बिदुओं पर रिपोर्ट मांगी है।
शहर के राहुल नगर मड़या निवासी एवं सहकारी बैंक मुबारकपुर शाखा से सेवानिवृत्त हुए कर्मी शशि शंकर सिंह ने डीएम को शिकायती पत्र देकर बैंक के सचिव एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी पर भ्रष्टाचार, कदाचार व कुप्रबंधन का आरोप लगाया है। आरोप है कि उनके कार्यकाल में बैंक के संड्री खाते में सरकार को वापस की जाने वाली धनराशि को कर्मचारियों से अनुचित लाभ लेकर बोनस, नकदीकरण व वेतन मद में भुगतान कर दिया गया है। जबकि पूर्व के डीएम सीबी सिंह ने जगदीश चंद्रा को बैंकर्स की मीटिग में कई बार संबंधित धनराशि को राजकीय कोष में जमा करने का निर्देश दिया था। जबकि उस समय वह धनराशि बैंक वापस करने की स्थिति में नहीं था। यह भी आरोप है कि एक मार्च 2018, अगस्त 2019 तक नियम विरुद्ध जाकर उन्होंने बाध्यकारी नियम का उल्लंघन किया। जिसमें छह माह पर ब्याज की गणना की जानी थी लेकिन जानबूझकर कर्मचारियों से रिश्वत लेने के लिए पीएफ ट्रस्ट खाते में ब्याज की गणना न करके उसे लटकाते रहे। कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के बाद उसके नाजायज धन लेकर ही उन्हें व्यक्तिगत रूप से भुगतान करते रहे। अपने कार्यकाल में कर्मचारियों के पीएफ फंड में जमा धनराशि में से लगभग एक करोड़, 45 लाख रुपये नियम विरुद्ध मनमाने ढंग से अपने खास व्यक्ति संजय कुमार मौर्य (एजेंट) को भुगतान कर दिया गया। इसके एवज में 10 फीसद कमीशन के रूप में लिया जाता रहा।
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जांच अधिकारी
''डीएम के आदेश पर जिला सहकारी बैंक के वर्तमान प्रभारी सचिव व मुख्यकार्यपालक अधिकारी से कई बिदुओं से रिपोर्ट मांगी गई है। इसमें जगदीश चंद्रा का कार्यकाल, नियमानुसार ट्रस्ट के अध्यक्ष, सचिव व सदस्य कौन होंगे, सरकार की दी जानी वाली धनराशि, संड्री खाते में ट्रांसफर धनराशि, कितने कर्मचारी सेवानिवृत्त, उनके पावना का भुगतान, बैंक की बैलेंस सीट, पीएफ खाते की नकल, कौन है संजय मौर्य, ट्रस्ट में कर्मचारियों के पैसे आदि की जानकारी शामिल है। इसके बाद रिपोर्ट डीएम को सौंप दी जाएगी।
--रामकिकर द्विवेदी, सहायक निबंधक एवं सहाकारी समितियां।