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दहेज हत्या में पति को दस साल का सश्रम कारावास

गंभीरपुर थाना क्षेत्र में लगभग नौ वर्ष पूर्व दर्ज हुए दहेज हत्या के मुकदमे की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोषी पाए गए आरोपित पति को दस वर्ष की सश्रम कारावास की सजा सुनाई।

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 Mar 2019 06:43 PM (IST)Updated: Sat, 16 Mar 2019 06:43 PM (IST)
दहेज हत्या में पति को दस साल का सश्रम कारावास
दहेज हत्या में पति को दस साल का सश्रम कारावास

विधि संवाददाता, आजमगढ़ : गंभीरपुर थाना क्षेत्र में लगभग नौ वर्ष पूर्व दर्ज हुए दहेज हत्या के मुकदमे की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोषी पाए गए आरोपित पति को 10 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई। इसी मुकदमे में आरोपित सास व ननद को अदालत ने छह-छह वर्ष की सजा सुनाई। उक्त तीनों आरोपितों पर 15-15 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया। उक्त फैसला अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट नंबर दो असद अहमद हाशमी ने सुनाया।

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अभियोजन पक्ष के अनुसार वादी मुकदमा मेवालाल निवासी आदर्श पल्ली थाना जगदल जनपद चौबीस परगना (पश्चिम बंगाल) की पुत्री सरिता की शादी 17 फरवरी 2006 को जिले के गंभीरपुर थाना क्षेत्र के बिद्रा बाजार रानीपुर निवासी उत्तम जायसवाल पुत्र गोपाल प्रसाद जायसवाल के साथ हुई थी। पिता का आरोप था कि शादी के समय ही उसकी पुत्री के पति उत्तम व ससुराल के अन्य लोग दहेज में बाइक, दो भर सोने की चेन की मांग कर रहे थे। किसी तरह से रिश्तेदारों के समझाने पर विदाई की रस्में पूरी की गई। ससुराल में दहेज के लिए उसकी पुत्री सरिता का शारीरिक व मानसिक उत्पीड़न किया जा रहा था। दो अगस्त 2010 को उन्हें सूचना मिली कि ससुराल में उसकी पुत्री की जलाकर हत्या कर दी गई है। पुत्री के मौत के मामले में वादी मुकदमा ने गंभीरपुर थाने में पति उत्तम जायसवाल, सास कांति देवी व ननद रानी उर्फ रजनी जायसवाल के विरुद्ध नामजद मुकदमा दर्ज कराया था। अभियोजन पक्ष की तरफ से मेवालाल, प्रेमचंद, सरस्वती, सुभाषचंद्र, दयाशंकर, प्रमोद शुक्ला, डाक्टर एवी त्रिपाठी, विवेचक सीओ हरेंद्र यादव, सीओ जोगेंद्र यादव, राणा प्रताप सिंह, हेड कांस्टेबल कुंवर बहादुर व सब इंस्पेक्टर तेज बहादुर ने गवाही दी। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी पति उत्तम को 10 वर्ष कारावास और 15 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई। साथ ही आरोपित सास कांति देवी व ननद रानी उर्फ रजनी को छह-छह वर्ष कारावास और दोनों को पंद्रह-पंद्रह हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई।


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