राम मंदिर ध्वजारोहण के बाद इस दिन भी रामलला के VIP दर्शन पर रहेगी रोक, ट्रस्ट ने छपवाया अलग इनविटेशन कार्ड
अयोध्या के राम मंदिर में ध्वजारोहण के बाद भी वीआईपी दर्शन बंद रहेंगे। मंदिर ट्रस्ट ने इस दिन के लिए विशेष निमंत्रण पत्र जारी किए हैं। यह फैसला सुरक्षा और सुव्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है, ताकि सभी श्रद्धालु आसानी से दर्शन कर सकें।

ध्वजारोहण के बाद भी स्थगित रहेगा रामलला का वीआईपी दर्शन।
जागरण संवाददाता, अयोध्या। ध्वजारोहण समारोह के आमंत्रित अतिथियों को दर्शन कराने के लिए 25 नवंबर को तो रामलला का दर्शन पूरी तरह से बंद रहेगा ही, इसके अगले दिन 26 नवंबर को भी वीआइपी दर्शन (विशिष्ट व सुगम पास के माध्यम से) स्थगित रखा जाएगा। यह निर्णय श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट व जिला प्रशासन की संयुक्त बैठक में लिया गया है। हालांकि 26 नवंबर को सामान्य दर्शन निर्बाध रूप से चालू रहेगा।
वहीं, ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने शुक्रवार को वीडियो संदेश जारी कर श्रद्धालुओं से ध्वजारोहण के दिन राम मंदिर में दर्शन के निमित्त नहीं आने की अपील की है। उन्होंने कहाकि ध्वजारोहण का आयोजन दोपहर लगभग दो बजे तक संपन्न होगा।
इसके पश्चात सभी आमंत्रित अतिथियों को लाइन लगा कर मंदिरों में दर्शन कराया जाएगा। इसमें लगभग तीन घंटे से भी अधिक समय लग सकता है, इसलिए 25 नवंबर को दर्शन पूरी तरह स्थगित रखा गया है।
विशिष्ट अतिथियों के लिए छपवाया आमंत्रण कार्ड
ध्वजारोहण समारोह में आमंत्रित किए जा रहे विशिष्ट अतिथियों के लिए राम मंदिर ट्रस्ट ने एक अलग आमंत्रण कार्ड प्रकाशित कराया है। पीले रंग के इस निमंत्रण पत्र में चार पन्ने हैं। प्रथम पृष्ठ पर केवल आयोजन का उपलक्ष्य दिया गया है तो दूसरे में निवेदक के रूप में सभी ट्रस्टियों के नाम, तीसरे में हिंदू पंचांग के अनुसार तिथि, प्रवेश मार्ग व प्रवेश की समयावधि अंकित है।
चौथे पृष्ठ पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व आरएसएस प्रमुख डॉ. मोहन भागवत के हाथों ध्वजारोहण किए जाने और इस पुनीत अवसर पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति रहने की जानकारी दी गई है। इसके पहले सामने आया आमंत्रण पत्र सफेद रंग का था।
उस कार्ड पर कोड नंबर, अतिथियों का नाम, आयोजन का उपलक्ष्य व जरूरी सूचनाएं अंकित कराई गई हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि सफेद रंग के आमंत्रण पत्र पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी या अन्य किसी अतिविशिष्टजन का नाम अंकित नहीं है।

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