रामजन्मभूमि परिसर की विद्युत आपूर्ति की निगरानी करेंगे एसडीओ, लापरवाही बरतने पर होगी कार्रवाई
रामजन्मभूमि परिसर में निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए एक अलग एसडीओ की नियुक्ति की गई है। एसडीओ 24 घंटे बिजली आपूर्ति की निगरानी करेंगे। लापरवाही बरतने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन का उद्देश्य है कि राम मंदिर में बिजली संबंधी किसी भी प्रकार की बाधा न आए।

रामजन्मभूमि परिसर की विद्युत आपूर्ति की निगरानी करेंगे अलग एसडीओ।
जागरण संवाददाता, अयोध्या। राम मंदिर परिसर में विद्युत आपूर्ति में हुई लापरवाही को नहीं स्वीकार करने वाले अधिकारियों ने अब परिसर के लिए अलग से उपखंड अधिकारी (एसडीओ) नियुक्त कर दिया है। अयोध्या के एसडीओ रहे नवनीत सिंह को परिसर का प्रभार सौंपा गया है।
उनके स्थान पर मीटर खंड के सहायक अभियंता सतवीर सिंह को तैनाती दी गई है। यद्यपि अभी परिसर के लिए अलग से एसडीओ पद का सृजन नहीं किया गया है। बताया जा रहा है कि मुख्यालय के आदेश पर तैनाती दी गई है।
गत 14 अक्टूबर को रामजन्मभूमि परिसर की विद्युत आपूर्ति लगभग 45 मिनट के लिए बाधित हो गई थी। काफी प्रयास के बाद आपूर्ति तो बहाल हो गई थी, परंतु इस घटना को स्थानीय अधिकारियों ने छिपाए रखा। न तो किसी की जिम्मेदारी तय की गई, न ही कोई कार्रवाई हुई।
मंदिर ट्रस्ट की ओर से मुख्यालय के उच्चाधिकारियों से शिकायत कर देने के बाद न केवल उत्तर प्रदेश विद्युत निगम लिमिटेड के अध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार गोयल अयोध्या आए और स्थानीय अधिकारियों को फटकार लगाई, बल्कि उनके निर्देश पर मुख्य अभियंता वितरण बृजेश कुमार ने एसडीओ से स्पष्टीकरण भी मांगा।
उनकी ओर से पत्र में कहा गया कि एसडीओ ने उन्हें भी प्रकरण की जानकारी नहीं दी। एसडीओ ने अपना स्पष्टीकरण भेजा या नहीं, इसकी जानकारी देने से भी अधिकारी बचते रहे। इसी बीच उन्हीं एसडीओ को रामजन्मभूमि परिसर में बतौर उपखंड अधिकारी तैनात कर दिया गया है।
उन्होंने बताया जा रहा कि उन्हें परिसर का समर्पित (डेडीकेटेड) एसडीओ बनाया गया है। उन पर अयोध्याधाम की जिम्मेदारी नहीं रहेगी। मुख्य अभियंता बृजेश कुमार ने कहाकि वह केवल रामजन्मभूमि परिसर की आपूर्ति की ही निगरानी करेंगे।
हालांकि अभी किसी अवर अभियंता की नियुक्ति नहीं की गई है। पद सृजन के संबंध में मुख्य अभियंता का कहना था कि यह मुख्यालय का विषय है। अधीक्षण अभियंता वितरण प्रदीप वर्मा ने बताया कि मुख्यालय से ही नियुक्ति की गई है। पद सृजन के बारे में वह कुछ नहीं बता सकते हैं।

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