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फिर उफनाई यमुना, ग्रामीणों की धड़कनें तेज

जागरण संवाददाता औरैया/अजीतमल कोटा बैराज से पानी छोड़े जाने पर यमुना के पानी में फिर स

By JagranEdited By: Published: Tue, 24 Sep 2019 11:24 PM (IST)Updated: Wed, 25 Sep 2019 06:25 AM (IST)
फिर उफनाई यमुना, ग्रामीणों की धड़कनें तेज
फिर उफनाई यमुना, ग्रामीणों की धड़कनें तेज

जागरण संवाददाता, औरैया/अजीतमल: कोटा बैराज से पानी छोड़े जाने पर यमुना के पानी में फिर से उफान आ गया है। गौहानी कला वाली सड़क फिर से जलमग्न हो गई है। जिससे कई गांव का संपर्क टूट गया और लोग पानी में घुसकर आवागमन कर रहे हैं। इधर पानी बढ़ने से ग्रामीणों की धड़कनें बढ़ गई हैं। पलायन कर चुके कई परिवार अभी घर वापस आने को तैयार नहीं हैं।

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कोटा बैराज से करीब ढाई लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इस कारण यमुना का जलस्तर फिर बढ़ा है। खतरे के निशान से पांच मीटर तक ऊपर पहुंच चुकी यमुना का जलस्तर कम होने पर 109 मीटर पर पहुंच गया था। अब यह 110.50 मीटर हो गया है। अभी जलस्तर चेतावनी बिदु से दूर है। केंद्रीय जल आयोग के जेई कुलदीप कुमार का कहना है कि चेतावनी बिदु तक पानी नहीं पहुंचेगा। इधर पानी बढ़ने से गौहानी कला का मार्ग बंद हो गया। ग्रामीणों की धड़कनें फिर से बढ़नी शुरू हो गई हैं। नौ सितंबर से बढ़ रहे जलस्तर से आई बाढ़ में करीब दस गांव चपेट में थे और 65 परिवार पलायन कर गए थे। फिर से पानी बढ़ा तो गौहानी कला सहित सिकरोड़ी, जुहीखा, बड़ैरा, गूंज, असेवटा, असेवा, फरिहा, आदि गांवों टापू में तब्दील हो जाएंगे। जलस्तर बढ़ने और मार्ग बन्द होने से विद्यालयों और आंगनबाड़ी केन्द्रों पर ताले लटक गए है। गांव में चल रहा सफाई अभियान

गांव में बाढ़ के बीच कीचड़ और गंदगी से ग्रामीण परेशान हैं। सफाई के लिए टीम गांव में लगा दी गई है। ग्राम प्रधान शिववीर सिंह व ग्राम पंचायत अधिकारी अरविन्द कटियार ने अपनी देखरेख में सफाई कराई। उपजिलाधिकारी राशिद खान ने निरीक्षण किया। उन्होंने अधीनस्थों को शीघ्र ही पीड़ितों के नुकसान का आकलन कर सूची प्रेषित करने के आदेश दिए। राहत सामग्री वितरित की गई। कई लोग अभी भी अपनी गृहस्थी घरों की छतों पर रखे थे। बताया कि डर है कि कहीं फिर से बाढ़ न आ जाए।


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