खाली पड़ा वर्कशॉप, कैसे हो गाड़ियों की मरम्मत
जागरण संवाददाता औरैया कोरोना संक्रमण काल में मार्च से मई तक रोडवेज बसें डिपो में खड़
जागरण संवाददाता, औरैया : कोरोना संक्रमण काल में मार्च से मई तक रोडवेज बसें डिपो में खड़ी रहीं। इसके बाद मुख्यालय के निर्देश पर एक जून से शुरू हुए संचालन यात्रियों के संख्या बल पर निर्भर रहा। लॉक डाउन खुलने के बाद जब कुछ व्यवस्था सुधार पर आई तो तीन माह से स्पेयर पाट्रर्स का आना समय पर गाड़ियों के संचालन के लिए समस्या बना गया। डिपो में इस समय 50 बसें आगरा, दिल्ली, कानपुर, लखनऊ, गुड़गांव, मुरादाबाद, गोरखपुर आदि शहरों के लिए संचालित की जा रही हैं। तीन माह लगातार खड़ी रहने वाल बसों में इस समय मरम्मत की जरूरत है। इसके अलावा 10 लाख किमी चल चुकी करीब 10 गाड़ियां मेंटीनेंस पर निर्भर हैं। ऐसे में एक जून से अभी तक वर्कशॉप में स्पेयर पार्ट्स व नए टायर नहीं भेजे गए। जबकि 50 गाड़ियों पर वर्कशॉप में पांच नए टायर हमेशा रहना अनिवार्य है। तीन-तीन दिन तक स्टेशन पर बसें खड़ी रहती हैं। जिससे संचालन व रोजाना होने वाली आय भी प्रभावित होती है। सरेंडर 23 बसों से वैसे भी काफी प्रभाव पड़ ही रहा है। इसके अलावा करीब एक दर्जन चालक-परिचालकों को नियमित ड्यूटी से वंचित हैं। जिससे वह प्रतिमाह तय मानक पूरा नहीं कर पाते हैं। मिलने वाली प्रोत्साहन राशि तीन से चार रुपये प्रभावित हो रही है। क्या कहते हैं जिम्मेदार मुख्यालय को आने वाली समस्याओं से अवगत कराया गया है। इसके अलावा वीडियो कांफ्रेंसिग में भी अधिकारियों के समक्ष परेशानियां रखी गईं। - आरएस चौधरी, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक