आज सालगिरह में मिलने का वादा था, हमेशा को बिछड़ गए
चंद्रशेखर यादव औरैया शादी की सालगिरह पर रविवार को घर पहुंचने का वादा पत्नी से करके संत र
चंद्रशेखर यादव, औरैया
शुक्रवार को जयपुर से निकलते वक्त मुकेश विश्वकर्मा शादी की पहली सालगिरह के मौके पर सोमवार को घर (संत रविदास नगर) पहुंचने का वादा किए थे। पर, अब यह वादा अब हमेशा के लिए अधूरा ही छूट गया। शुक्रवार देर रात हुए डीसीएम-ट्राला हादसे में उनकी भी मौत हो गई। हादसे की खबर पाकर पिता श्रीधर पड़ोसियों से पांच हजार रुपये उधार लेकर औरैया पहुंचे। जिला अस्पताल में चस्पा मृतकों की सूची में बेटे का नाम देखा तो कुछ क्षण के लिए बेसुध ही हो गए। चेतना में आए तो बुदबुदाए-बहू को जाकर क्या बताऊंगा?
मुकेश और पूनम पिछले साल ही 18 मई को शादी के बंधन में बंधे थे। सबकुछ हंसी-खुशी चल रहा था कि एक झटके में दुनिया उजड़ गई। रुंधे गले से पिता ने बताया कि बेटा जयपुर में फर्नीचर का काम करता था। दो महीने पहले घर आया था। शुक्रवार रात 10 बजे मुकेश का फोन आया था कि हम गाड़ी में बैठ गए हैं। जल्द ही आ जाएंगे। इसके बाद सीधे कोई बात नहीं हो सकी। घटना पता चली तो औरैया के लिए निकल पड़े। बहू के बारे में सोचकर दिल दहल उठता है कि उसे कैसे सांत्वना दूंगा?
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सात फेरों से पहले मौत ने आ घेरा
बिहार के पलामू जिले के चीरू गांव में रहने वाले नीतीश कुमार सात फेरे लेने से पहले ही मौत के फेरे में फंस गए। उनकी शादी 12 मई को तय थी, लेकिन लॉकडाउन की वजह से टल गई। जयपुर में मार्बल कंपनी में काम बंद होने पर घर लौट रहा था कि जिंदगी ही दांव दे गई। हादसे में घायल होने की खबर पर पिता सुदामा अपने साले से 20 हजार रुपये उधार लेकर पहुंचे। पर, यहां बेटे का शव रखा मिला। बोले, नीतीश सबसे बड़ा बेटा था। वह छोटी बहन पूजा और भाई मुकेश को कहता था कि तुम लोग अच्छे से पढ़ाई करो, खर्च मैं उठाऊंगा। ऑफीसर बनाऊंगा। पर, ये दिन देखने पड़ गए। नीतीश ने शुक्रवार रात आठ बजे फोन करके गाड़ी पकड़ने की सूचना दी थी। कहा था, परेशान न होना मैं घर आ रहा हूं। फिर, बात नहीं हुई।
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पांच दिन के बेटे का चेहरा भी न देख सका राहुल
झारखंड के बोकारो जिले के गांव गोपालपुर थाना पिडराजोरा निवासी राहुल सहीस को पांच दिन पहले बेटे के जन्म की खबर मिली तो खुशी से फूला नहीं समाया। छठी में शामिल होने की हड़बड़ी में ट्राला पर बैठकर चल दिया। रात को ऐसा सोया कि फिर आंख ही नहीं खुली। छठी की तैयारियों के बीच घरवालों को राहुल की मौत की खबर पहुंची तो चौतरफा मातम पसर गया। रोते-बिलखते पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे पिता विभूति सहीस बोले, इकलौता चिराग बुझ गया। साल भर पहले ही शादी हुई थी। वो अपने बेटे का मुंह तक न देख सका।
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सोमनाथ नहीं कर सका बहन की शादी
हादसे में झारखंड के बोकारो निवासी सोमनाथ भी नहीं रहे। उनके पड़ोसी राजकुमार गोस्वामी बताते हैं कि सोमनाथ घर का इकलौता बेटा था। बहन की शादी के लिए कमाने गया था। शादी तय भी हो चुकी थी। इस बार कमाकर आता तो यह हो भी जाती। रात में ही उसने बताया कि गाड़ी में बैठ चुके हैं, कल तक आ जाएंगे, लेकिन मनहूस खबर ही मिली।
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शव ले जाने को शाम तक वाहन का इंतजार
हादसे में बिहार के मोतिहारी निवासी रविद्र कुमार ठाकुर के भतीजे धर्मेद्र की मौत हो गई, जबकि चचेरे भाई सुशील घायल हो गए। रविवार सुबह हादसे की खबर पर धर्मेद्र ने फोन किया तो किसी ने घटना बताई। इस बीच, चचेरे भाई सुशील ने अपने घायल होने की खबर दी। रविद्र दो लोगों के साथ पिकअप से गोरखपुर तक और फिर ट्रक से कानपुर पहुंचे। एक दूसरे ट्रक से औरैया पहुंचे। चाचा-भतीजे जयपुर में मार्बल कंपनी में काम करते थे। वे भतीजे का शव ले जाने के लिए शाम तक वाहन का इंतजार करते रहे।