चौथी बार बढ़े जलस्तर ने बढ़ाई चिंता
संवाद सहयोगी अजीतमल इस बार यमुना की बाढ़ लोगों के लिए मुसीबत बन गई है। चौथी बार जलस्तर बढ
संवाद सहयोगी, अजीतमल: इस बार यमुना की बाढ़ लोगों के लिए मुसीबत बन गई है। चौथी बार जलस्तर बढ़ने से ग्रामीणों की चिंता बढ़ गई है। केंद्रीय जल आयोग की टीम ने इस बार खतरे से इंकार किया है। इस समय 109.35 मीटर पर जलस्तर है। अधिक बढ़ने की संभावना कम है। लेकिन बाढ़ का तांडव देख चुके ग्रामीणों को डर सता रहा है।
बाढ़ प्रभावित गांवों के बाढ़ पीड़ित लोग अब राहत की उम्मीद कर रहे हैं तो बारिश ने मुश्किलें बढ़ा दी और बारिश थमी तो यमुना का जलस्तर फिर बढ़ने लगा। ग्रामीण चितित है। एकाएक बढ़े जलस्तर से धड़कने फिर बढ़ने लगीं है। जैसे तैसे सब कुछ टीक हो पा रहा है। फिर से नौबत आई तो कहीं के नहीं रहेंगे। बाढ़ पीड़ितों के नुकसान का आकलन चल रहा है। फसल व मवेशियों का नुकसान का आंकलन शुरु हुआ है। जलस्तर ने फिर से घंटी बजा दी है। उपजिलाधिकारी रामजीवन ने बताया कि राजस्व कर्मचारी लगातार आकलन करने में जुटे हुये हैं। शीघ्र ही रिपोर्ट बनाकर शासन को भेज दी जाएगी। केंद्रीय जल आयोग के जेई कुलदीप कुमार ने बताया कि इस बार अधिक नहीं बढ़ेगा। डैम से पानी छोड़ने पर बढ़ा है लेकिन चिता की बात नहीं है।
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बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए बढ़े राहत के हाथ
अजीतमल: बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए जनता इंटर कालेज अजीतमल के प्रबंधतंत्र और विद्यालय स्टाफ ने संयुक्त रूप से राहत पहुंचाने को ठानी है।
कालेज के प्रबंधक लाल उदयन सेंगर ने पूर्व कैबिनेट मंत्री सत्यनारायण दुबे, पूर्व दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री ठा. भोला सिंह व प्रधानाचार्य कृष्ण मोहन उपाध्याय के साथ विद्यालय स्टाफ की मदद से राहत पैकिट तैयार करवाए है। राहत पैकेट में पांच किलो आटा, पांच किलो आलू, दो किलो चावल, एक पैकिट चीनी, एक पैकिट नमक, एक लीटर सरसों का तेल, एक चाय का पैकिट, हल्दी, मिर्च, धनिया, आदि मसाले के एक-एक पेकिट, माचिस, नहाने व कपड़े धोने के साबुन आदि है।