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प्रदर्शनी मैदान को लेकर पालिका व जिला प्रशासन में छिड़ी जंग

जागरण संवाददाता औरैया वर्षो से शहर के प्रदर्शनी लगने के लिए पालिका प्रशासन की ओर से जम

By JagranEdited By: Published: Sun, 04 Oct 2020 11:21 PM (IST)Updated: Mon, 05 Oct 2020 05:07 AM (IST)
प्रदर्शनी मैदान को लेकर पालिका व जिला प्रशासन में छिड़ी जंग
प्रदर्शनी मैदान को लेकर पालिका व जिला प्रशासन में छिड़ी जंग

जागरण संवाददाता, औरैया : वर्षो से शहर के प्रदर्शनी लगने के लिए पालिका प्रशासन की ओर से जमीन तलाशी जा रही है। यमुना रोड स्थित चड्डा टाकीज के पास पालिका की ओर से प्रदर्शनी के लिए जमीन चिन्हित की गई और तालाब को पटवाकर मिट्टी भी भरवा दी गई। इस जमीन का मामला कोर्ट में विचाराधीन था, जिसका फैसला पालिका की पक्ष में आया है। अब जिला प्रशासन की ओर से किन्हीं कारणोंवश इस प्रदर्शनी मैदान बनाए जाने पर रोक लगा दी गई है। जबकि जिला प्रशासन की ओर से भी पहले हरी झंडी दी जा चुकी थी।

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शहर के यमुना रोड पर खानपुर मौजे की जमीन है। यह जमीन शहर के काफी अंदर आ जाने से स्वत: ही नगरपालिका की होगी। इस जमीन पर सड़क के किनारे व दूसरी तरफ अवैध कब्जे हो गये। नगर पालिका परिषद ने अपनी इस भूमि को प्रदर्शनी स्थल के रूप में विकसित कराने का काम शुरू करा दिया, जो लगभग आधे से ज्यादा पूरा हो गया। शेष काम पूरा होने में यमुना रोड के किनारे इस जमीन पर अवैध कब्जा करके बनाई गई दुकानों के कारण पूरा नहीं हो पा रहा है। नगर पालिका ने जब इस अवैध कब्जेदारों से हटवाने का प्रयास किया तो नगर पालिका और कब्जादारों का विवाद जिला प्रशासन तक पहुंच गया। जिलाधिकारी के निर्देश पर अपर जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारी ने सघन पड़ताल करके कई बार जगह पैमाइश कराई। स्वयं जिला प्रशासन ने इस जमीन को नगर पालिका की जमीन व इस पर बनीं दुकानों को न केवल अवैध करार दिया बल्कि इस पर काबिज लोगों को भू-माफिया के तौर पर चिन्हित कर दिया। इसके बाद एसडीएम के आदेश पर नगर पालिका द्वारा कब्जादारों को कई बार नोटिस देकर उनके स्वयं ही कब्जा हटाने को कहा गया। कई बार मुनादी भी कराई गई, लेकिन पालिका की जमीन पर अवैध रूप से काबिज लोगों पर कई बार दिए गए नोटिसों व मुनादी का कोई असर नहीं हुआ। पालिका ने जब भी अवैध कब्जे हटवाने की कोशिश की तो जिला प्रशासन से इस कार्रवाई को रूकवा दिया गया। यही नहीं एक बार तो अपर जिलाधिकारी रेखा एस चैहान ने खुद एसडीएम के नेतृत्व में राजस्व टीम द्वारा नाप-जोख कराई और इस निर्णय पर पहुंचने के बाद कि स्वर्ण टाकीज के सामने जमीन नगर पालिका की है और यहां पर बनी दुकानें अवैध अतिक्रमण है। क्या कहते हैं जिम्मेदार

मामला पुराना है, जांच कराई जा रही है। जांच पूरी होने पर पता चलेगा कि जमीन किसकी है। फिलहाल जांच के बाद कुछ कहा जा सकेगा।

- अभिषेक सिंह, डीएम


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