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मंहगाई से बंद हुई गरीबों के घरों की उज्जवला लौ

जागरण संवाददाताऔरैया ग्रामीण महिलाओं को उज्ज्वला गैस योजना के क्रियान्वित होने के बाद भ्

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Feb 2020 11:24 PM (IST)Updated: Sat, 22 Feb 2020 06:00 AM (IST)
मंहगाई से बंद हुई गरीबों के घरों की उज्जवला लौ
मंहगाई से बंद हुई गरीबों के घरों की उज्जवला लौ

जागरण संवाददाता,औरैया: ग्रामीण महिलाओं को उज्ज्वला गैस योजना के क्रियान्वित होने के बाद भी धुएं से आजादी नहीं मिल रही है। बढ़ती मंहगाई उन्हें चूल्हा फूंकने को मजबूर कर रही है। पांच माह में पांच बार रसोई गैस के दामों में हुई वृद्धि के बाद अधिकांश लाभार्थियों ने रसोई गैस सिलिंडर उठाना ही बंद कर दिया है। इससे अब गैस सिलेंडर घरों में शोपीस बने रखे हुए हैं। दूसरी तरफ गरीब परिवारों के सदस्या दो वक्त का भोजन तैयार करने के लिए लकड़ी उपले आदि का जुगाड़ करने को मजबूर हैं।

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जनपद में उज्जवला गैस योजना के तहत 97 हजार कनेक्शन है। जिला पूर्ति अधिकारी व इंडियन ऑयल अधिकारियों के पास पूरा कोई ऐसा आंकड़ा हैं कि कितने कनेक्शनधारक सिलेंडर नहीं उठा रहे है। अगर एजेंसी वार पड़ताल करें तो इसका आंकड़ा मिल जाता है। शहर की ही राधिका गैस एजेंसी के संचालक अवनीश बताते है कि उनके यहां पर करीब दो सौ से अधिक ऐसे उज्ज्वला कनेक्शनधारक हैं जिन्होंने पहली बार के बाद दोबारा सिलिंडर ही नहीं लिया। इसके साथ ही कई ऐसे है जो नियमित सिलेंडर नहीं ले रहे हैं। ऐसा ही कुछ हाल शहर की दर्शन इंडेन गैस एजेंसी पर है। यहां भी तीन सौ कनेक्शन धारक ने दूसरी बार सिलिंडर उठाने नहीं पहुंचे। यह दो गैस एजेंसियों महज नजीर है, इस तरह का हाल जिले भर की गैस एजेंसियों में है। सीन-1

लहरापुर निवासी रेखा पत्नी प्रीतम ने बताया कि मंहगाई के कारण वह लोग सिलेंडर हीं ले पाते है। चूल्हे पर ही खाना बनाते है। सब्सिडी तो बाद में आती है लेकिन पहले इतनी बड़ी रकम चुकाना मुश्किल है। हम लोग मजदूरी करते है, इतना रुपया इसमें देंगे तो खर्च कैसे चलेगा। लकड़ी बीन लाते है जिससे खर्च बच जाता है।

सीन-2

सहार ब्लॉक के करचला निवासी रेशमा पत्नी इमाउद्दीन ने बताया कि एक साल पहले सिलेंडर व चूल्हा मिला था। इधर लगातार सिलेंडर मंहगा हो रहा है। वह तो खाना चूल्हे पर ही बनाती है। जब कोई रिश्तेदार आता है तो वह गैस से चाय बना देती है।

कुछ इस तरह से रहे रसोई गैस के मूल्य

अक्टूबर 2019-635

नवंबर -712

दिसंबर -725

जनवरी- 744.50

फरवरी - 889 ...............

उज्जवला योजना के तहत कनेक्शन दिए गए थे लेकिन कुछ लोग नहीं भरवा रहे है। ऐसा आंकड़ा मांगा जा रहा है। निर्धारित समय के बाद उनके कनेक्शन बंद हो जाएगे।

अशोक कुमार

जिला पूर्ति अधिकारी बंद हो चुकी है योजना

उज्जवला गैस योजना फिलहाल बंद है। नए कनेक्शन नहीं हो रहे है। इंडिन ऑयल के मैनेजर अंशुल मीना का कहना है कि शायद योजना फिर से खुले तभी नए कनेक्शन हो सकेंगे। सब्सिडी में कोई दिक्कत आ नहीं रही है। योजना के लाभार्थियों से बात की जाएगी।


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