पेट की तड़प करा रही अंधेरे में रतजगा
जागरण संवाददाता, औरैया, सहायल: खून पसीना बहाने के बाद अब आंखों की नींद भी भूख से बचने को ल
जागरण संवाददाता, औरैया, सहायल: खून पसीना बहाने के बाद अब आंखों की नींद भी भूख से बचने को लगानी पड़ रही है। अन्ना मवेशियों के आतंक से किसान रात-दिन फसलों को बचाने में लगे हुए हैं। जिसके चलते वह सो तक नहीं पा रहे हैं। बावजूद इसके जरा सी चूक होते ही उनके पूरे साल की मेहनत को अन्ना मवेशी चट कर जा रहे हैं। जो भी इनका शिकार बना तो समझो उस किसान को पूरे साल दाने-दाने के लिए मोहताज रहना पड़ता है। इसीलिए वह दिन के साथ-साथ खेतों में सारी रात जागकर काट रहे हैं।
मवेशियों का झुंड आते ही घुप अंधेरे में जंगलों से किसानों का शोर सुनाई देने लगता है। जैसे ही वह दूसरी ओर जाते हैं तो वहां से भी हांके जाने की आवाजें आने लगती हैं। सारी रात किसान बस इसी जद्दोजहद में लगे रहते हैं। घर व परिवार के बीच समय गुजारने के बजाय उन्हें परिवार का पेट पालने के लिए फसलों की ही रखवाली में ही समय व्यतीत करना पड़ रहा है। टार्च और डंडा बना सहारा
एक हाथ में टार्च व दूसरे में पतला सा डंडा, बस यही किसानों के हथियार हैं। खेत की मेड़ पर बैठकर थोड़ी-थोड़ी देर में टार्च की रोशन फसल पर डालकर देखते-देखते सारी रात गुजरती है। इसी दौरान मवेशी आए तो उन्हें डंडे से हांकने में लग जाना पड़ता है।
हाईवे से लेकर खेतों तक आफत
अन्ना मवेशी जहां हाईवे में दुर्घटनाओं का सबब बने हुए हैं। वहीं खेतों में किसानों के दुश्मन बन गए हैं। भूख लगते मवेशियों का झुंड किसानों की फसलों को रौंदते चले जाते हैं। उसके बाद वह रास्तों में आकर बैठ जाते हैं। जिससे आए दिन लोग दुर्घटनाओं का भी शिकार होते रहते हैं।