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वेतन से नहीं भरता पेट, जुआ के फड़ से रुपये ले गए तीन सिपाही

जागरण संवाददाता औरैया यह यूपी पुलिस है जनाब इनको कितना भी वेतन दे दिया जाए लेकिन बिना

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Nov 2019 11:53 PM (IST)Updated: Tue, 19 Nov 2019 06:08 AM (IST)
वेतन से नहीं भरता पेट, जुआ के फड़ से रुपये ले गए तीन सिपाही
वेतन से नहीं भरता पेट, जुआ के फड़ से रुपये ले गए तीन सिपाही

जागरण संवाददाता, औरैया: यह यूपी पुलिस है जनाब इनको कितना भी वेतन दे दिया जाए, लेकिन बिना घूस के इनके परिवार का पेट नहीं पलता। पुलिस इतना नीचे गिर गई कि जुआ के फड़ से भी रुपये लेने से नहीं चूकी। इसी वजह से अपराध पर रोक नहीं लग पाती है। आइए आपको इसका साक्ष्य देते हैं।

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दिबियापुर थाने की चौकी बबीना में नियुक्त मुख्य आरक्षी श्रीपाल, आरक्षी प्रवेंद्र कुमार व आरक्षी सुखबीर सिंह गांव में ही चल रहे जुआ के फड़ के पास खड़े थे। उनके सामने ही जुआ चल रहा था। हार जीत की बाजी पर यह सिपाही रुपया भी ले रहे थे। इसका किसी ने वीडियो बना लिया और इसे सोसल मीडिया पर वायरल कर दिया। इसके बाद विभाग में हड़कंप मच गया। एसपी सुनीति ने तत्काल वीडियो की जांच कराई जिस पर प्रथम दृष्टया मामला सही पाया गया। एसपी ने तीनों सिपाहियों को निलंबित कर दिया। एसपी सुनीति ने बताया कि वीडियो में रुपये लेते दिखना प्रतीत हो रहा है। इसलिए तीनों को निलंबित किया गया है। पुलिसकर्मी अगर ऐसा काम करेंगे तो कार्रवाई जरूर की जाएगी। किसान से पुलिस की अभद्रता का वीडियो वायरल

धान कटाई कर रही मशीन को रोकते समय सिपाहियों ने की दबंगई

मामले की जानकारी मिलने पर एसपी ने दिया कार्रवाई का आदेश

जागरण संवाददाता, औरैया: पराली जलाने पर रोक की जिम्मेदारी पुलिस को क्या मिली खाकी रौब में आ गई। वर्दीधारी किसानों के साथ अपराधी जैसा व्यवहार करने लगे हैं। यह कोई मिथ्या आरोप नहीं है। एक ऐसा ही वीडियो वायरल होने के बाद अजीतमल पुलिस की दबंगई का मामला सामने आया है।

लालपुर में किसान कंबाइन हार्वेस्टर से धान की कटाई कर रहे थे। इस बीच अजीतमल कोतवाली के सिपाही मौके पर पहुंचे और मशीन बंद कराकर एसडीएम का आदेश दिखाने को कहा। साथ ही दबंगई भरे अंदाज में अभद्रता भी की और चाबी लेकर चले गए। इस का किसी ने वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। वीडियो वायरल होते ही पुलिस की किरकरी होना शुरु हो गई। कई लोगों ने पुलिस के इस कृत्य की निदा की। इसकी जानकारी मिलने पर एसपी सुनीति ने सीओ लाइन को जांच कर कार्रवाई का आदेश दिया है। एसपी मीडिया सेल ने फिर यह मैसेज वायरल किया कि कंबाइन हार्वेस्टर मशीन स्ट्रॉरीपर विद बाइंडर का प्रयोग अनिवार्य है। मशीन में स्ट्रारीपर विद बाइंडर लगा था। इसके बावजूद पुलिस ने किसानों पर रौब गालिब किया। इसकी जानकारी होने पर कोतवाल ने चाबी मशीन मालिक के सुपुर्द कर दी। एसपी ने सिपाही अर्जुन सिंह व आशीष के खिलाफ जांच कर कार्रवाई का आदेश दिया है। किसानों पर भारी प्रशासन की मनमानी

औरैया: पराली जलाने को तो छोड़िए अब तो धान काटने के समय ही निगरानी शुरू हो गई है। प्रशासन ने धान कटाई से पहले न तो किसानों के साथ बैठक की और न हार्वेस्टर मशीन मालिकों के साथ। जिसके कारण जिले में इक्का दुक्का ही स्ट्रारीपर दिख रही हैं। अपनी विफलता को छुपाने के लिए प्रशासन अब किसानों के पीछे पड़ गया है। एनजीटी का आदेश है कि हार्वेस्टर मशीन में स्ट्रारीपर यंत्र लगाना अनिवार्य है। इससे धान की कटाई के बाद बचने वाले अवशेष छोटे-छोटे टुकड़ों में हो जाते हैं, जो कि जलाने में मुश्किल होते हैं और खेत की जुताई के समय मिट्टी में ही मिल जाते हैं। कृषि विभाग और जिला प्रशासन पहले से कोई व्यवस्था नहीं कर सका। अगर जिला प्रशासन कंबाइन हार्वेस्टर के मालिक व संचालकों के साथ बैठक कर लेता तो काफी हद तक दिक्कत दूर हो जाती है। एसपी सुनीति का कहना है कि सभी पुलिसकर्मियों को निर्देशि दिया गया है कि किसानों के साथ अभद्र व्यवहार न करें और पराली जलाने की निगरानी करें। हार्वेस्टर मशीन पड़ताल करने के बाद ही रोकी जाए। पराली जलाते समय पुलिस ने तीन किसानों को किया गिरफ्तार

बिधूना : रोक के बाद पराली जलाने पर पुलिस ने आधा दर्जन किसानों को चिह्नित कर लिया। इसके बाद तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर उनका चालान कर एसडीएम कोर्ट भेजा गया। वहां से जुर्माना जमा करने की शर्त पर जमानत दे दी गई।

जिला प्रशासन ने पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए पुलिस विभाग को भी अलर्ट किया है। पुलिस ने गश्त के दौरान आधा दर्जन किसानों को पराली जलाने पर चिह्नित किया है। इसके साथ लक्ष्मी राम पुर्वा से विनोद पुत्र इतवारी लाल, अमित कुमार पुत्र विनोद कुमार व भैंसलोट निवासी पवन पुत्र रामस्वरूप को गिरफ्तार कर लिया गया। एसडीएम रमापति ने बताया कि जो किसान पराली जलाने का प्रयास करेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जिन लेखपालों के क्षेत्र में पराली जलाई जाएगी, उनके विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले एक सैकड़ा से अधिक किसानों के खिलाफ पराली जलाए जाने को लेकर कार्रवाई की जा चुकी है। इस मामले में ढाई से दस हजार रुपये तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान है।


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