जिन्हें अंगुली पकड़ दिया सहारा, बुढ़ापे में उन्होंने किया बेसहारा
संवाद सूत्र मुरादगंज समय की नजाकत देखिए जिन बेटों को एक पिता ने बचपन में अंगुली पकड़कर चल
संवाद सूत्र, मुरादगंज: समय की नजाकत देखिए जिन बेटों को एक पिता ने बचपन में अंगुली पकड़कर चलना सिखाया। स्वयं के सुख की परवाह किए बिना हर कदम पर उन्हें सहारा देकर पाला उन्हीं कलयुगी बेटों ने बुढ़ापे में उनको पीटकर घर से निकाल दिया। अब वह दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है।
गुरुवार की सुबह दलेलनगर गांव के बाहर एक बाग में एक बुजुर्ग बेहोशी की हालत में पड़ा मिला। जब ग्रामीणों ने देखा तो इसकी सूचना यूपी 100 पुलिस को दी। यूपी 100 पुलिस के साथ ही चौकी प्रभारी प्रमोद शर्मा मौके पर पहुंच गए। बुजुर्ग को होश में लाने के बाद उससे पूछताछ की तो उसने अपना नाम प्रेमचंद्र पुत्र दीनदयाल निवासी दिलीप नगर की मढ़ैया बकेबर इटावा बताया। उसने बताया कि चार दिन पहले उसके बेटों ने उसे मारपीट कर घर से निकाल दिया। तब से वह भूखा प्यासा भटक रहा है। गांव वालों ने उसे खाने को दिया। इसके बाद एम्बूलेंस से उसे सीएचसी भर्ती कराया गया। पुलिस का कहना है कि बुजुर्ग के परिजनों से संपर्क किया जा रहा है।
रोते हुए सुनाई दर्द भरी दास्तां
बुजुर्ग ने रोते हुए बताया कि उसने अपने बेटों की हर इच्छा पूरी की। उन्हें कभी किसी बात की कोई कमी नहीं होने दी। बेटों की खुशी के लिए सदैव अपनी इच्छाओं को मार दिया। हमेशा उनका सहारा बनकर पग-पग पर साथ दिया, लेकिन जब बुढ़ापे में उनके हाथ-पैर चलने बंद हो गए और उन्हें बेटों की मदद की जरूरत हुई तो उन्होंने मारपीट कर घर से बेदखल कर दिया।