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खाली हो गए अस्पताल, टूट गई संक्रमण की चेन

जागरण संवाददाता औरैया जिले में जिला प्रशासन स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों जनवरी माह में संक्रमण्

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Jan 2021 11:24 PM (IST)Updated: Fri, 15 Jan 2021 11:24 PM (IST)
खाली हो गए अस्पताल, टूट गई संक्रमण की चेन
खाली हो गए अस्पताल, टूट गई संक्रमण की चेन

जागरण संवाददाता, औरैया : जिले में जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग के प्रयासों जनवरी माह में संक्रमण दम तोड़ रहा है। इस महीने संक्रमण की दर शून्य पर पहुंच गई है।

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इसी माह अभी तक जिले में प्रतिदिन करीब तीन मरीज मिले। अब कोविड एल टू में सिर्फ एक मरीज भर्ती है। बाकी सक्रिय मरीज होम आइसोलेशन में है।

जिले में अप्रैल माह में कोरोना संक्रमितों के मिलने शुरूआत हुई थी, जिसके बाद से यह महामारी दिनों दिन बढ़ती चली गई। जिले में अप्रैल माह में 13 यानि प्रतिदिन 0.43 मरीज, मई माह में 19 यानि प्रतिदिन 0.61 मरीज, जून माह में 75 यानि प्रतिदिन 2.50 मरीज, जुलाई माह में 263 यानि प्रतिदिन 8.48 मरीज, अगस्त माह में 784 यानि 25.29 मरीज, सितम्बर माह में 1134 यानि 37.80 मरीज, अक्टूबर माह में 506 यानि 16.16 मरीज, नवम्बर माह में 485 यानि 16.16 मरीज, दिसम्बर माह में 220 यानि प्रतिदिन 7.09 मरीज मिले। जनवरी माह में अब तक 44 मरीज यानि 2.93 मरीज प्रतिदिन मिले। अब तक कुल 3,543 कोरोना संक्रमित मरीज पाए गए हैं, जिनमें 3,438 स्वस्थ्य हो चुके हैं। यानि कि स्वस्थ्य होने वाले मरीजों का आनुपातिक फीसद 97.03 है, जबकि 45 मरीजों की मृत्यु हो चुकी है। मृतकों का आनुपातिक फीसद 1.27 है। अब तक 1,08,716 लोगों के सैम्पल लिए जा चुके हैं, जिनमें से 1,05,671 की रिपोर्ट निगेटिव आई है। जबकि 3543 मरीज निकल चुके हैं, जिनमें 45 की मृत्यु हो चुकी है। 3438 मरीज जहां ठीक हो चुके हैं, वहीं 60 एक्टिव मरीज बचे हैं, जिनका कोविड हॉस्पिटल समेत होम आइसोलेशन में उपचार चल रहा है।

बताते चलें कि जिले में कोरोना मरीजों के मिलने की शुरुआत अप्रैल माह में 4 तब्लीगी जमातियों के संक्रमित मिलने के बाद हुई थी। उस समय प्रदेश के गिने-चुने जिलों में ही कोरोना संक्रमण अपनी पहुंच बना सका था। इन चार जमातियों के संक्रमित निकलने के बाद जिले में हड़कंप मच गया था और आम नागरिक में कोरोना संक्रमण को लेकर भय व्याप्त हो गया था, लोगों ने घरों से बाहर निकलना बंद कर दिया था। पर फिर भी नियमित अंतराल से जिले में संक्रमित मरीजों का निकलना शुरू हो गया और अप्रैल माह में 13 जबकि मई माह में 19 मरीज निकले। जून में अचानक संख्या बढ़कर 75 हो गई यानि हर दूसरे दिन पांच मरीज निकले, यह दौर लॉकडाउन का था। जुलाई माह में अनलॉक शुरू होते ही प्रशासनिक उदासीनता और आम नागरिकों की लापरवाही के चलते जिले में प्रतिदिन करीब 8.5 के औसत से 263 मरीज निकले। अगस्त वह सितम्बर माह में महामारी ने जिले जबरदस्त तरीके से फैलाव किया। अगस्त माह में जिले में प्रतिदिन 25.29 के औसत से 784 एवं सितम्बर माह में प्रतिदिन 37.80 के औसत से 1134 मरीज निकले हैं, जो स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन के लिए चिता का सबब बन गया था। वहीं अक्टूबर माह में 16.32 के औसत से 506 मरीज, नवम्बर माह में 16.16 के औसत से 485 मरीज निकले। दिसम्बर माह में 7.09 के औसत से 220 मरीज निकले। इनसेट :

इस माह मिली राहत

सबसे राहत भरा महीना जनवरी रहा है। जिसमें 01से 15 जनवरी के बीच अबतक 2.93 के औसत से मात्र 44 मरीज निकले और एक्टिव मरीजों का आंकड़ा मात्र 60 पर पहुंच गया है। अप्रैल - 13 (प्रतिदिन - 0.43) मरीज।

मई - 19 (प्रतिदिन - 0.61) मरीज।

जून - 75 (प्रतिदिन - 2.50) मरीज।

जुलाई - 263 (प्रतिदिन - 8.48) मरीज।

अगस्त - 765 (प्रतिदिन - 25.50) मरीज।

सितम्बर - 1134 (प्रतिदिन - 37.88) मरीज।

अक्टूबर - 506 (प्रतिदिन - 16.32) मरीज।

नवम्बर - 485 (प्रतिदिन - 16.16) मरीज।

दिसम्बर - 220 (प्रतिदिन - 7.09) मरीज।

जनवरी तक - 44 (प्रतिदिन - 2.93) मरीज

जिले में मृत 45 मरीजों का अनुपात 1.27 फीसद हैं। जबकि स्वास्थ्य होने वाले 879 मरीजों का अनुपात 97.03 फीसद है।


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