लापरवाही की हद, बिना अनुमति निजी अस्पतालों में हो रहे ऑपरेशन
जागरण संवाददाता औरैया जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का नमूना देखना है तो
जागरण संवाददाता, औरैया : जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का नमूना देखना है तो औरैया चले आइए जनाब। अफसरों की लापरवाही के कारण यहां निजी अस्पतालों में बिना अनुमति बाहर से अनुभवहीन डॉक्टर बुलाकर मोटी कमाई के लालच में लोगों के ऑपरेशन धड़ल्ले से हो रहे हैं। इसी कारण सोमवार को शहर के मोहल्ला तिलक नगर स्थित रक्षा ओम कृष्णा अस्पताल में ऑपरेशन के दौरान एक युवक की मौत हो गई। इसके बाद जिम्मेदार अधिकारी नींद से जागे और कार्रवाई में जुट गए। चिकित्साधिकारी ने इंडियन मेडिकल काउंसिल अधिनियम के तहत मुकदमा पंजीकृत कराया है। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। वहीं मृतक के पिता ने हास्पिटल के संचालक व पार्टनर के खिलाफ एफआइआर कराई है।
उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी राजेश कुमार गुप्ता ने रक्षा ओम कृष्णा अस्पताल मोहल्ला तिलक नगर के संचालक सुधीर कुमार पुत्र ओम प्रकाश निवासी देवराव ब्लॉक अछल्दा, डॉ. अर्जित त्रिपाठी पुत्र राजेंद्र प्रसाद निवासी गगनगिरी एनक्लेव खड़कपाड़ा कल्याण वेस्ट मुंबई, हाल निवास तिलक नगर व जिला अस्पताल में तैनात संविदा डॉक्टर संतोष गुप्ता व अन्य व्यक्ति नाम पता अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। उन्होंने बताया कि रक्षा ओम कृष्णा हॉस्पिटल तिलक नगर में चोरी-छिपे अवैध रूप से ऑपरेशन थिएटर का संचालन करने एवं सर्जरी करने के आरोप में विभिन्न धाराओं के अलावा इंडियन मेडिकल काउंसिल अधिनियम के तहत मुकदमा पंजीकृत कराया है।
वहीं थाना दिबियापुर गुंजन टॉकीज रोड निवासी जिलेदार पुत्र स्व. बनवारी लाल ने कोतवाली में तहरीर देते हुए बताया कि उसका पुत्र अनूप कुमार उर्फ सोनपाल मोहल्ला तिलक नगर स्थित रक्षा ओम कृष्णा निजी अस्पताल में पेट में पथरी का ऑपरेशन कराने के लिए भर्ती हुआ था। ऑपरेशन करते समय डॉक्टरों ने लापरवाही की। जिसके चलते उसके पुत्र की मृत्यु हो गई। पुलिस ने आरोपित डॉक्टर संतोष गुप्ता, अर्जित तिवारी व सुधीर कुमार के खिलाफ मामले की एफआईआर दर्ज की है। अवैध रूप से संचालित हो रहे कई अस्पताल
इसे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की लापरवाही कहे या फिर उदासीनता कि किसी व्यक्ति की जान जाने के बाद ही स्वास्थ्य महकमा चेतता है। शहर में कई ऐसे निजी अस्पताल हैं, जहां पर ऑपरेशन होते हैं। बावजूद इसके उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। जब किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो विभाग चेतता है और कुछ दिन बाद दोबारा से यह काम शुरू हो जाता है। मंडी समिति गेट के सामने स्थित मां सरोज नर्सिग होम व प्रार्थना नर्सिग होम में गर्भवती महिलाओं के ऑपरेशन किए जाते हैं। इसके लिए बाहर से डॉक्टर बुलाए जाते हैं। कई बार यहां मरीज हंगामा भी कर चुके हैं। इसके अलावा ऑपरेशन में लापरवाही के कारण शहर स्थित साई नर्सिग होम पहले ही बंद हो चुका है। क्या कहते हैं जिम्मेदार
सोमवार की निजी अस्पताल में हुई युवक की मौत के मामले में अस्पताल को सील कर रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। शहर में अवैध रूप से संचालित हो रहे निजी अस्पताल संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
- एके राय, सीएमओ नवजात शिशु देखभाल सप्ताह 14 से 21 नवंबर तक
जागरण संवाददाता, औरैया : शासन के आदेश पर 14 से 21 नवंबर तक नवजात शिशु देखभाल सप्ताह का आयोजन किया जाएगा। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (उत्तर प्रदेश) के मिशन निदेशक पंकज कुमार ने इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पत्र भी जारी कर दिया है।
भारत सरकार की ओर से जारी (एसआरएस-2016) की रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश की शिशु मृत्यु दर 43 प्रति 1000 जीवित जन्म है। राष्ट्रीय स्तर पर यह सूचकांक 34 प्रति 1000 जीवित जन्म है। इनमें से तीन चौथाई शिशुओं की मृत्यु जन्म के पहले हफ्ते में ही हो जाती है। जन्म के एक घंटे के भीतर स्तनपान और छह माह तक केवल मां का दूध दिए जाने से शिशु मृत्यु दर में 20 से 22 फीसद तक की कमी लाई जा सकती है। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अशोक के अनुसार पोषण हर व्यक्ति के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। यदि गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान सही पोषण नहीं मिलता है, तो उनके होने वाले बच्चे भी कम वजन के पैदा होते है और कुपोषण का शिकार हो जाते है। बढ़ती गंदगी पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जताई चिता
अटसू: अक्टूबर माह में सेऊपुर गांव में फैले डेंगू का प्रकोप थम गया है, लेकिन सफाई के प्रति बरती जा रही उदासीनता दोबारा इस बीमारी की वजह बन सकती है। अधूरे बने शौचालयों से ग्रामीणों को मजबूरी में खुले में शौच जाना पड़ता है। इसके अलावा गांव में भरा गंदा पानी, सफाई का अभाव संक्रमण को दावत दे रहा है। बीते कई वर्षों से जलनिकासी की व्यवस्था नहीं है। शौचालय की दीवारें बनवा दी गई। लेकिन लेंटर व सीट आज तक नहीं रखी है। मजबूरी में लोगों को खुले में शौच जाना पड़ता है।
रानी देवी का कहना है कि अक्टूबर से डेंगू फैलने की बात पता चली। कई बार ग्राम प्रधान से सफाई के लिये कहा लेकिन न सफाई कर्मचारी आया, न सफाई हुई। राजेश कुमार का आरोप है कि एक-एक हजार सुविधा शुल्क देने के बावजूद ग्राम प्रधान ने शौचालय पूर्ण नहीं कराए। गंदगी व बजबजाती नालियां खुद ही गांव के विकास की पोल खोलती नजर आ रही हैं। चिकित्सा विभाग की टीम कब तक दवाइयों का छिड़काव करेगी। क्या कहते हैं जिम्मेदार
डिप्टी सीएमओ के आग्रह पर जिला प्रशासन ने दो दिन गांव में सफाई कराई थी। चिकित्सा टीम फिर से गंदगी के वही हालात बता रही है। स्वास्थ्य टीम लगातार दवा का छिड़काव कराकर दवाएं वितरण कर रही है।
- डा.विमल कुमार, सीएचसी अधीक्षक मरीजों के स्वास्थ्य में हो रहा सुधार
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संवादसूत्र, अटसू : एनएस-1 टेस्ट के आधार पर किए गए उपचार से मरीजों के स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है। यदि गांव में सफाई पर ध्यान नहीं दिया गया तो फिर से डेंगू का प्रकोप हो सकता है। अभी तो वायरल, खांसी, जुकाम आदि के मरीज मिल रहे है। खुले में शौच जाने से भी लोगों को रोककर जागरूक किया गया है।
सीएचसी अधीक्षक डा. विमल कुमार ने कहा कि सेऊपुर व मुहीउद्दीनपुर में कुल 21 ब्लड सैंपल की स्लाइडें सैफई व कानपुर के चक्कर लगाते-लगाते खराब हो गई। जांच के अभाव में दो महिलाओं की मौत हो गई तो कई लोग गांव से बड़े शहर में इलाज करवा रहे हैं। ये तो अच्छा रहा कि सीएचसी अजीतमल में प्राथमिक जांच में एनएस-1 टेस्ट पॉजीटिव आने पर उपचार से लोगों को स्वास्थ्य लाभ मिलना शुरू हो गया। सीएचसी अजीतमल में भर्ती पांच मरीजों को भी स्वास्थ्य लाभ मिलना शुरू हुआ तो परिजन उन्हें भी अपने घर ले गए। जहां सीएचसी टीम अपनी देखरेख में उन्हें उपचार दे रही है। बीमारी के चलते आकर अधेड़ की मौत
फफूंद : बाबरपुर निवासी 45 वर्षीय महेश बाल्मीक पुत्र मुन्ना लाल फफूंद कस्बा में अपनी बहन राजो देवी के पास रहता था। कई वर्षों से वह रामलीला मैदान के पास स्थित बाल्मीक मंदिर में रहकर मजदूरी कर अपना जीवन यापन कर रहा था। बीमारी के चलते उसकी सोमवार की रात अचानक मौत हो गई।